श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रविवार को कहा कि वर्ष 2022 में सुरक्षा बलों का फोकस और प्रयास आतंकवादियों की संख्या को 100 से कम करने पर होगा. दक्षिण कश्मीर के शोपियां में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विजय कुमार (IG Kashmir Vijay Kumar) ने कहा कि जनवरी महीने में ही 11 मुठभेड़ों में 21 आतंकवादी मारे गए हैं, जिनमें आठ विदेशी आतंकवादी हैं. घाटी के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह पहली बार है कि आतंकवादियों की संख्या 200 से नीचे आई है और इस साल इसे 100 से नीचे लाने की पूरी कोशिश है.
पुलवामा और बडगाम में हुईं मुठभेड़ों के बारे में जानकारी देते हुए, कुमार ने कहा कि पिछले 12 घंटों में इन दो मुठभेड़ों में पांच आतंकवादी मारे गए. उन्होंने कहा कि पुलवामा मुठभेड़ में मारे गए चार आतंकवादियों की पहचान करीमाबाद (पुलवामा) निवासी जाहिद अहमद वानी उर्फ उजैर, खदेरमोह काकापोरा निवासी वहीद अहमद रेशी, नाइरा (पुलवामा) निवासी इनायत अहमद मीर और पाकिस्तान निवासी कफील भारी उर्फ छोटू के रूप में की है.
उन्होंने कहा, 'जाहिद वानी जैश का शीर्ष कमांडर था. उसका भाई बान प्लाजा हमले (जम्मू में) में शामिल था और जेल में है. वानी 2017 से सक्रिय था और कई हत्याओं, युवाओं की भर्ती करने में शामिल था. समीर डार की हत्या के बाद वह जैश-ए-मोहम्मद का जिला कमांडर बना. दरअसल, वह पूरी घाटी का जैश प्रमुख था. यह एक अच्छा अभियान था और मैं सुरक्षा बलों को बधाई देना चाहता हूं.'
आईजी ने कहा कि पुलवामा के नाइरा में जिस घर में मुठभेड़ हुई, उसके मालिक के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. कुमार ने कहा, 'यह (मकान मालिक का बेटा) एक 'हाइब्रिड' आतंकवादी का सबसे अच्छा उदाहरण है. ऐसे कई लोग हैं जो आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध नहीं हैं लेकिन उनमें शामिल हैं. इनायत (अहमद) को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था, लेकिन वह आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करता रहा और मारा गया.'