नई दिल्ली:उत्तराखंड में जोशीमठ की घटना, असम की बाढ़ की स्थिति के साथ-साथ पूरे भारत में गर्मी की लहरों और तटीय खतरों को लेकर सभी हैरान हैं. गृह मंत्रालय (एमएचए) नई दिल्ली में आपदा जोखिम में कमी के लिए राष्ट्रीय मंच (NPDRR) के तीसरे सत्र के दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार से किया जाएगा जिसमें बदलते आपदा जोखिम परिदृश्य के खिलाफ स्थानीय क्षमताओं का निर्माण पर चर्चा की जाएगी.
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) के सदस्य कमल किशोर ने सोमवार को कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य बदलते जलवायु में स्थानीय लचीलापन का निर्माण है. यह एक बहु हितधारक मंच होगा जहां सरकार के साथ -साथ निजी क्षेत्र, शिक्षाविदों, राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. इसमें जलवायु परिवर्तन के खतरों और इसके समाधानों का पता लगाने के लिए चर्चा होगी.
किशोर ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किया जाएगा. इसमें स्थानीय क्षमताओं के निर्माण की कोशिश के साथ विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर तेजी से बदलते आपदा जोखिम परिदृश्य के संदर्भ में चर्चा होगी. एनपीडीआरआर (NPDRR) में 1000 से अधिक प्रतिष्ठित मेहमान शामिल होंगे, जिनमें केंद्रीय मंत्री, राज्यों से आपदा प्रबंधन के मंत्री, सांसद, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि, विशेष आपदा प्रबंधन एजेंसियों के प्रमुख, शिक्षाविदों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सभी राज्य प्रतिनिधियों के एक राउंड टेबल सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. इस बैठक में ज्ञान, अनुभव, विचारों को साझा करेंगे, आपदा जोखिम में कमी में नवीनतम विकास और रुझानों पर चर्चा करेंगे. गौरतलब है कि दो दिवसीय सम्मेलन से पहले, पिछले दो महीनों में आपदा जोखिम प्रबंधन में महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ाने के लिए, भीषण गर्मी, तटीय खतरों जैसे विभिन्न विषयों पर 19 पूर्व-ईवेंट कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.