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रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया, 101 मिलिट्री सामान के आयात पर लगा प्रतिबंध

भारत सरकार ने रक्षा निर्माण में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए 101 अन्य सैन्य उपकरणों और सिस्टम के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस लिस्ट में हल्के टैंक, नौसैनिक उपयोगिता हेलीकॉप्टर और ड्रोन शामिल हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को 101 वस्तुओं की तीसरी लिस्ट जारी की, जिसका प्रोडक्शन अब भारत में ही होगा.

india bans import of 101 military items
india bans import of 101 military items

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Published : Apr 7, 2022, 7:38 PM IST

नई दिल्ली :डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने विदेशों से आने वाले 101 मिलिट्री सामान के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को प्रतिबंधित किए साजो-सामान की तीसरी लिस्ट को सार्वजनिक किया. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सेना के जुड़े ये साजोसामान डिफेंस एक्विजिशन प्रोसिजर (DAP) 2020 के तहत अब देश के मैन्युफैक्चरर्स से खरीदे जाएंगे. सरकार विदेशों से आयात करने के बजाय इन हथियारों और सैन्य उपकरणों को दिसंबर 2022 से दिसंबर 2027 के बीच देश में विकसित करने की योजना बना रही है.

बता दें कि भारत अब तक रक्षा उपकरण और हथियार समेत 310 सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगा चुकी है. केंद्र सरकार विदेशों से आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए रक्षा सामान की दो लिस्ट पहले भी जारी कर चुकी है. अगस्त 2020 में जारी पहली लिस्ट में 101 और मई 2021 में जारी दूसरी लिस्ट में 108 सैन्य सामानों के आयात पर रोक लगाई गई थी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि देश में बनने वाले 310 रक्षा उपकरणों वाली इन तीन लिस्ट से यह भरोसा भारत के घरेलू उद्योग की क्षमताओं पर भरोसा जगा है. अब भारतीय उद्योग भी सशस्त्र बलों की मांग को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के उपकरणों का निर्माण कर सकते हैं. अब देश में टेक्नॉलजी और मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं के जरिये निवेश को भी आकर्षित किया जा सकता है . इससे स्वदेशी अनुसंधान और विकास (R&D) की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा.

आयात के लिए प्रतिबंधित सामानों की तीसरी सूची में हल्के वजन वाले टैंक, माउंटेड आर्टि गन सिस्टम (155mmX 52Cal), पिनाका MLRS के लिए गाइडेड एक्सटेंडेड रेंज (GER) रॉकेट, नेवल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (NUH), नेक्स्ट जेनरेशन ऑफशोर पेट्रोल वेसल ((NGOPV) जैसे अत्यधिक जटिल सिस्टम, सेंसर, हथियार और गोला-बारूद शामिल हैं. इसके अलावा एमएफ स्टार (जहाजों के लिए रडार), मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइल (नेवल वैरिएंट), एडवांस लाइट वेट टॉरपीडो (शिप लॉन्च), हाई एंड्योरेंस ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल, मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस अनमैन्ड एरियल व्हीकल (MALE यूएवी), एंटी-रेडिएशन मिसाइलें, लुटेरिंग मुनिशन के आयात पर रोक लगाई गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह लिस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन को हासिल करने के लिए सरकार की ओर किए जा रहे 360-डिग्री प्रयासों का रिजल्ट है.

रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह नई लिस्ट घरेलू उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी. साथ ही देश की रिसर्च, डिवेलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को हाई लेवल पर ले जाएगी. प्रतिबंधित सामानों की यह लिस्ट डीआरडीओ, रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी), सेवा मुख्यालय (एसएचक्यू) और निजी उद्योग से बातचीत के बाद तैयार की गई है. उन्होंने आश्वासन दिया कि पिछली दो सूचियों की तरह ही तीसरी सूची में दी गई समय सीमा का भी पालन किया जाएगा. राजनाथ सिंह ने दावा किया कि यह प्रक्रिया डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के साथ निर्यात को प्रोत्साहित करता है. डीआरडीओ ने भी 25 उद्योगों के साथ 30 टेक्नॉलजी ट्रांसफर (टीओटी) के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और डीआरडीओ की 16 लैबों ने 21 टेक्नॉलजी उद्योगों को दी हैं.

ये टेक्नॉलजी काउंटर ड्रोन सिस्टम, लेजर गाइडेज एनर्जी वेपन सिस्टम, मिसाइल वारहेड, हाई एक्सप्लोसिव मैटेरियल, हाई ग्रेड स्टील, स्पेशलाइज्ड मैटेरियल से विकसित क्वांटम रैंडम नंबर जेनरेटर (क्यूआरएनजी) से संबंधित हैं. उन्होंने बताया कि अब तक, डीआरडीओ ने भारतीय उद्योगों के साथ 1,430 से अधिक टीओटी समझौते किए हैं, जिनमें से एक रिकॉर्ड संख्या है. पिछले दो वर्षों में लगभग 450 टीओटी समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस उपलब्धि के लिए रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ की तारीफ भी की. उन्होंने उम्मीद जताई कि प्राइवेट सेक्टर भारत को ग्लोबल डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए सरकार की ओर दिए जा रहे अवसरों का पूरा उपयोग करेगा.

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