चंडीगढ़: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के लिए देश में तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल की 109वीं जयंती ((Tau Devi Lal birth anniversary) पर आज फतेहाबाद में सम्मान दिवस रैली का आयोजन किया जा रहा है. इनेलो की सम्मान दिवस रैली में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, शरद पवार समेत कई विपक्षी नेताओं का जमावड़ा दिखा. फतेहाबाद में सम्मान दिवस रैली को संबोधित करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सभी दलों से 2024 में बीजेपी को हराने के लिए हाथ मिलाने की अपील की. उन्होंने कहा कि पार्टियां इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कांग्रेस से भी समर्थन मांगेंगी.
नीतीश बोले भाजपा का 2024 में चुनाव जीतना तो दूर बुरी तरह हारना तय होगा- सम्मान दिवस रैली को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार में बीजेपी के साथ रहने पर उनको दबाया जाता था. नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी वाले जब गलत बातें बोलने लगे, तब हमने साथ छोड़ना बेहतर समझा. अभी 7 पार्टी साथ हैं. पूरे देश को एकसाथ आना होगा, इससे 2024 में भाजपा को एक भी सीट नसीब नहीं होगी. कांग्रेस से भी अनुरोध किया है. ज्यादा से ज्यादा पार्टिया एक हो जाएं, तो भाजपा का 2024 में चुनाव जीतना तो दूर बुरी तरह हारना तय होगा.
तेजस्वी बोले- अब कोई एनडीए नहीं- वहीं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भाजपा से नाता तोड़ने के साहसिक फैसले के लिए नीतीश कुमार की सराहना की. उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में है, तो यह देवी लाल के अपने पिता लालू प्रसाद यादव के समर्थन के कारण है. अब कोई एनडीए नहीं है. शिवसेना, अकाली दल, जद (यू) जैसे भाजपा सहयोगियों ने लोकतंत्र को बचाने के लिए इसे छोड़ दिया है.
सीताराम येचुरी ने भाजपाइयों की तुलना राक्षसों से की- रैली में पहुंचे माकपा नेता सीताराम येचुरी ने अपने संबोधन के दौरान में बीजेपी की तुलना राक्षसों से करते हुए कहा कि भाजपा वाले आज देश में अमृतकाल आने का दावा करते हैं. समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला था तो उस पर सबसे पहले राक्षसों ने कब्जा कर लिया था. उसके बाद देवताओं को युद्ध करके राक्षसों से वह अमृत वापस लेना पड़ा था. आज भी देशवासियों को उसी तरह भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश में केरल इकलौता ऐसा राज्य है जहां सीपीआई की सरकार और केरल की जनता ने अपने राज्य में भाजपा के एक भी विधायक को जीतने नहीं दिया.