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Covid Vaccination: कोवैक्सीन की तीसरी डोज देती है संक्रमण से सुरक्षा का वादा : ICMR - कोवैक्सीन की तीसरी डोज देती है संक्रमण से सुरक्षा का वादा

COVID-19 के लिए कोवैक्सिन की तीसरी डोज सुरक्षा का वादा (Third dose of Covaxin promises safety) करती है. ICMR ने कहा कि सोमवार से भारत में एहतियाती खुराक (Precautionary dose in India from Monday) देने की तैयारी की जा रही है.

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प्रतीकात्मक फोटो

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Published : Jan 9, 2022, 9:27 PM IST

नई दिल्ली :भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) ने रविवार को कहा कोवैक्सिन की तीसरी डोज संक्रमण से सुरक्षा का वादा करती है. सरकार की योजना है कि COVID-19 टीकों की एहतियाती खुराक (Precautionary dose) को फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सह-रुग्णता वाले वरिष्ठ नागरिक को दी जाएगी.

इस योजना के शुरु होने से एक दिन पहले ICMR ने ट्वीट किया कि COVAXIN की तीसरी डोज सुरक्षा का वादा (Third dose of Covaxin promises safety) करती है. चिकित्सा अनुसंधान निकाय ने अपने ट्वीट में कोवैक्सिन की एहतियाती खुराक लेने के लाभों पर प्रकाश डाला है. इसने कहा कि कोवैक्सिन के साथ प्राथमिक टीकाकरण श्रृंखला के दो डोज पूरा होने के छह महीने बाद प्रशासित कोवैक्सिन की बूस्टर खुराक की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता के बारे में आश्वस्त करने वाली जानकारी है.

ट्वीट में कहा गया है कि बूस्टर के बाद घरेलू और विषम सार्स-सीओवी 2 वेरिएंट के खिलाफ अच्छा न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी टाइट्रे का पता चला है. परीक्षण के वैक्सीन और प्लेसीबो आर्म दोनों में रिएक्टोजेनेसिटी न्यूनतम और तुलनीय थी. कोई गंभीर प्रतिकूल घटना नहीं हुई.

25 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि 3 जनवरी 2022 से 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू हो जाएगा. आगे 10 जनवरी 2022 से स्वास्थ्य देखभाल और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए एहतियाती खुराक की घोषणा की गई थी. प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि 10 जनवरी 2022 से उनके डॉक्टरों की सलाह पर सह-रुग्णता वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एहतियाती खुराक का विकल्प उपलब्ध होगा.

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प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह COVID-19 संक्रमित रोगियों की सेवा में फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों द्वारा खर्च किए जाने वाले समय के आलोक में किया गया है. भारत में इसे एहतियाती खुराक कहा जाता है, बूस्टर खुराक नहीं. निर्णय एहतियाती खुराक पर स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का विश्वास मजबूत होगा.

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