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गर्मी में राज्य में पानी की कोई कमी नहीं है; जानिए बांधों में पानी की उपलब्धता

गर्मी की शुरूआत हो चुकी है. कहा जाता है कि महाराष्ट्र में इस साल पानी की किल्लत नहीं होगी. बताया जाता है कि एक बार यदि डैम में पानी भरता है तब अगले दो साल तक पानी की कमी की समस्या नहीं होती है. इस साल जब ईटीवी भारत ने विभिन्न डैमों में उपलब्ध पानी का आंकड़े लिए तो पता चला की पानी की किल्लत से लोगों को नहीं जुझना पड़ेगा.

बांधों में पानी की उपलब्धता
बांधों में पानी की उपलब्धता

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Published : Apr 1, 2022, 8:00 AM IST

मुंबई:अप्रैल के महीने की शुरूआत के साथ ही मुंबई में भीषण गर्मी शुरू हो गई है. गर्मी का मौसम आते ही अक्सर पानी की किल्लत की समस्या उत्पन्न हो जाती है. राज्य के कुछ हिस्सों में पानी की किल्लत एक गंभीर समस्या है. गर्मी शुरू होते ही ग्रामीण इलाकों में महिलाएं सिर पर घड़े लिए पानी की तलाश में इधर उधर भटकती हुई दिखती हैं. हालांकि इस साल तस्वीर कुछ बदली है. राज्य में पिछले दो साल से अच्छी बारिश हुई है नतीजतन राज्य के सभी संभागों में इस वर्ष पर्याप्त जल भंडार है इसलिए इस साल पानी की किल्लत से घबराने की जरूरत नहीं है.

जानकारों का मानना है कि गर्मी शुरू हो गई है फिर भी राज्य के कुछ बांधों में पर्याप्त जल भंडार है. राज्य के सबसे बड़े बांधों में से एक उजानी बांध में आज भी 65 प्रतिशत जल भंडार है. इसका मतलब है कि 70 टीएमसी पानी की भंडारण क्षमता वाले उजानी बांध की वर्तमान में भंडारण क्षमता 35.19 टीएमसी है. जयकवाड़ी बांध में जल संचयन -एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का जायकवाड़ी बांध 103 टीएससी है. इस साल जयकवाड़ी बांध में लगभग 65.70% जल संतुलन है इसलिए औरंगाबाद, जालना, बीड जिले के कुछ हिस्सों, गोदावरी नदी के किनारे के गांवों और बांध जलग्रहण क्षेत्र में पानी की कमी नहीं होगी. कहा जाता है कि एक बार बांध 100 प्रतिशत भर जाने के बाद दो साल तक पानी की आपूर्ति करता है. इसलिए इस साल मराठवाड़ा के लोगों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा.

खडकवासला परियोजना में कितना पानी बचा है:खड़कवासला परियोजना के तेमघर बांध में 15.45 प्रतिशत या 0.57 टीएमसी पानी शेष है. वरसगांव बांध में 54 फीसदी या 6.96 टीएमसी पानी शेष है. पानशेत बांध में 59.17 या 6.30 टीएमसी पानी शेष है. खड़कवासला बांध में 38.22 फीसदी या 0.75 टीएमसी पानी बचा है. पिछले वर्ष की तुलना में खड़कवासला परियोजना में 50.05 प्रतिशत जल भंडार या 14.59 टीएमसी जल भंडार है. पिछले साल जल संतुलन 55.81 प्रतिशत या 16.27 टीएमसी था.पुणे जिले में बांधों की वर्तमान स्थिति -पिंपलगांव जोगे बांध में 22.05 फीसदी या 0.86 टीएमसी पानी बचा है. मानिकदोह बांध में 20.67 फीसदी या 2.10 टीएमसी पानी बचा है. येदगांव बांध में 93.59 फीसदी या 1.82 टीएमसी पानी बचा है. वदाज बांध में पानी का संतुलन 51.68 प्रतिशत या 0.60 टीएमसी है. डिंभे बांध में 38.56 फीसदी या 4.82 टीएमसी पानी बचा है.

घोड़ बांध में 50.02 प्रतिशत या 2.44 टीएमसी पानी शेष है. विसापुर बांध में 33.31 प्रतिशत या 0.30 टीएमसी पानी शेष है. चिल्हेवाड़ी बांध में 60 फीसदी या 0.49 टीएमसी पानी बचा है. चस्कामन बांध में 50.89 फीसदी या 3.85 टीएमसी पानी बचा है. भामा आस्केड बांध में 71.38 प्रतिशत या 5.47 टीएमसी पानी शेष है. पवन बांध में 46.91 फीसदी या 3.99 टीएमसी पानी बचा है. मुलशी बांध में 26.54 या 5.35 टीएमसी पानी शेष है.

कोल्हापुर बांधों में पर्याप्त जल संग्रहण :गर्मी आते ही कई जिलों को पानी के लिए जूझना पड़ता है. हालांकि इस साल भी कोल्हापुर जिले को डरने की जरूरत नहीं है. जिले में जून के अंत तक के लिए पर्याप्त पानी है. राधानगरी बांध में 57% जल संग्रहण है, कलामवाड़ी बांध में 55 से 57% जल संग्रहण है, वर्ना बांध में 55% जल संग्रहण है, दूधगंगा बांध में 55% जल संग्रहण है और कोयना बांध में 57% जल संग्रहण है. बारवी बांध में जल संग्रहण -ठाणे में बरवी बांध की जल भंडारण क्षमता 338. 84 मिलियन मीटर है. वर्तमान में, 185.20 मिलियन मीटर पानी का अधिशेष है. इसका मतलब है कि बांध में अभी भी 54.66 प्रतिशत जल भंडार है. पिछले सप्ताह बांध में 189.94 मिलियन मीटर पानी जमा किया गया था. उल्लेखनीय है कि पिछले साल अच्छी बारिश के कारण इस साल मार्च के अंत तक बांध में पानी के पर्याप्त भंडार है.

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