देहरादून :हरिद्वार में श्यामपुर स्थित आनंद गिरि के सील हो चुके आश्रम से चोरी की घटना सामने आई है. मामले में पुलिस ने चोर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस की मानें तो आरोपी युवक के पास से पानी की मोटर और जूसर बरामद हुआ है. वहीं, हाई प्रोफाइल मामले से जुड़े आश्रम में चोरी होने से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और मुस्तैदी पर सवाल खड़े कर दिए है.
बता दें कि बीते 22 सितंबर को हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण ने आश्रम को सील कर दिया था. तब से आश्रम में कोई नहीं रहता है, लेकिन चोरों ने इस आश्रम को खंगाल दिया. हालांकि, चोरी हुआ सामान पुलिस के हाथ लग गया है. वहीं आश्रम में चोरी के मामले पर हरिद्वार पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है. स्थानीय लोगों के मुताबिक आए दिन इस इलाके में चोरी की घटनाएं होती रहती हैं. ऐसे में बंद पड़े आश्रम में चोरी होना कोई नई बात नहीं है. ऐसे में पुलिस की मुस्तैदी और कार्यशैली पर कई सवाल उठ रहे हैं.
महंत नरेंद्र गिरि ने की थी आत्महत्या
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बीती 20 सितंबर को प्रयागराज स्थित बाघम्बरी पीठ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट भी लिखा था. इस सुसाइड नोट के आधार पर महंत नरेंद्र गिरि के चेले आनंद गिरि, मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद और आद्या प्रसाद के पुत्र संदीप प्रसाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत के मामले में फंसे आनंद गिरि की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सीबीआई नरेंद्र गिरि मौत मामले की जांच में जुटी हुई है. उम्मीद जताई जा रही है कि सीबीआई आनंद गिरि को उनके आश्रम को लेकर पहुंच सकती है. लेकिन यहां आश्रम को चोर पहले ही खंगाल चुके हैं. 13 मई को भी हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण ने आश्रम के निर्माण को नियम विरुद्ध बताते हुए सील किया था. बावजूद इसके आनंद गिरि आश्रम का निर्माण कार्य कर रहे थे और हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण को इसकी जानकारी तक नहीं थी. जिसके बाद बीते 22 सितंबर को हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण ने आनंद गिरि के निर्माणाधीन आश्रम को सील कर दिया था.
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हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण को इसकी जानकारी उस समय लगी जब नरेंद्र गिरि की मौत मामले में यूपी पुलिस आनंद गिरि को गिरफ्तार करने उनके आश्रम में पहुंची थी. इसके बाद प्राधिकरण की टीम हरकत में आई और आनंद गिरि के निर्माणाधीन आश्रम को दोबारा से सील कर दिया. जबकि, इससे पहले प्राधिकरण की ओर से सीलिंग नहीं हटाई गई थी. बावजूद इसके आनंद गिरि ने आश्रम का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था.