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महिला को तीन माह से परिजनों ने कर रखा था कैद, पुलिस ने छुड़ाया तो हालत देख कांप गई रूह - महिला को बचाया

Rescue of Woman, Karnataka Crime News, दक्षिण कर्नाटक के पुत्तुरु में महिला एवं बाल कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने एक बचाव अभियान के तहत एक महिला को बचाया. इस महिला को इसके परिजनों ने बीते तीन माह से एक कमरे में कैद कर रखा था. पुलिस ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया है और आगे की कार्रवाई कर रही है.

Rescue of Woman
महिला को बचाया

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 3, 2024, 5:12 PM IST

पुत्तुरु: दक्षिण कर्नाटक में पुत्तुरू जिले के केम्मिंजे गांव के पास एक कमरे में बंद एक महिला को महिला एवं बाल कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पुलिस के सहयोग से बचाया. महिला को इलाज के लिए पुत्तूर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. महिला एवं बाल कल्याण विभाग को एक गुमनाम फोन आया कि श्रीपति हेब्बार की पत्नी को पिछले 3 महीने से कैद रखा गया है.

फोन करने वाले शख्स ने बताया कि उसे एक सीमेंट शीट वाले कमरे में क्वारेंटाइन में रखा गया है, जिसमें कोई खिड़की और बिजली की रोशनी तक की व्यवस्था नहीं है. इस सूचना के बाद जब पर्यवेक्षकों की एक टीम ने वहां जाकर जांच की, तो महिला खड़े होने और चलने में भी असमर्थ थी. वह ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी और बहुत कमजोर हो गई थी. जब उससे कहा गया कि उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा तो उसने इनकार कर दिया.

इसके बाद अधिकारियों ने स्थानीय लोगों की मदद से महिला को बचाया और पुत्तूर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. जब अधिकारियों ने हेब्बार की बहन से पूछताछ की, जो उसके घर पर थी, तो उसने कहा कि हमने उसे बंद कर रखा था, क्योंकि उसके ऊपर प्रेत का असर था. हालांकि अधिकारियों ने मोबाइल फोन के जरिए श्रीपति हेब्बार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बताया गया कि उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.

अधिकारियों ने बताया कि महिला का पति और उसकी बहन एक ही घर में रहते थे और महिला को अलग कमरे में रखा गया था. पुलिस ने कहा कि पूरी जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जानकारी के अनुसार श्रीपति हेब्बार, जो एक रसोइया था, उसने बंटवाला तालुक के विटला की एक महिला के साथ अंतरजातीय विवाह किया था.

बताया जा रहा है कि महिला पर भूत-प्रेत आने की संदेह में उसे घर के बगल में एक बंद कमरे में रखा जाता था और दिन में केवल एक बार चाय और बिस्किट दिया जाता था. महिला को पिछले तीन माह से इस कमरे में कैद रखा गया था. पूछताछ के दौरान अधिकारियों को जानकारी मिली कि वह काफी दिनों से नहायी भी नहीं थी और काफी कमजोर हो गई थी.

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