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Mahant Yogi Adityanath : रजनीकांत ही नहीं, सीटिंग चीफ मिनिस्टर ने भी छुए थे योगी आदित्यनाथ के पैर - रमन सिंह ने योगी आदित्यनाथ के पैर छुए

सुपरस्टार रजनीकांत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैर छुए. इसके बाद इस पर विवाद शुरू हो गया. हालांकि, रजनीकांत ने सीएम योगी आदित्यनाथ के पैर नहीं छुए, बल्कि महंथ योगी आदित्यनााथ के पैर छुए थे. रजनीकांत उन लोगों में से हैं, जो हिंदू परंपरा के प्रति आस्थावान हैं. योगी आदित्यनाथ के पैर तो उनसे 20 साल बड़े रमन सिंह ने भी छुए थे, जबकि उस समय वह खुद चीफ मिनिस्टर थे.

Yogi Aditya Nath
योगी आदित्यनाथ

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Published : Aug 20, 2023, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : फिल्म सुपरस्टार रजनीकांत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शनिवार को मुलाकात की थी. इस दौरान रजनीकांत ने योगी आदित्यनाथ के पैर भी छुए. उनके पैर छूने पर कई लोगों ने आपत्ति भी दर्ज की. उनका कहना था कि योगी आदित्यनाथ की उम्र 51 साल है, जबकि रजनीकांत 72 साल के हैं. ऐसे में उनका पैर छूना कहीं से भी सहीं नहीं दिखता है. हालांकि, रजनीकांत ने उम्र या पद के हिसाब से योगी आदित्यनाथ के पैर नहीं छुए, बल्कि इसलिए छुए क्योंकि योगी एक मठ के महंथ भी हैं.

रजनीकांत उन लोगों में शामिल हैं, जो हिंदू परंपरा में विश्वास रखने वाले साधु-संत और महंथ के प्रति अपने मन में असीम श्रद्धा रखते हैं. रजनीकांत ने इसका ही निर्वहन किया. वैसे, यहां पर आपको बता दें कि रजनीकांत कोई पहले व्यक्ति नहीं हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैर छुए हैं. योगी आदित्यनाथ के पैर तो सीटिंग चीफ मिनिस्टर ने भी छुए हैं. यह पढ़कर आपको आश्चर्य लगता हो, लेकिन यह सच है. एक राज्य के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया था.

साल 2018 में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह जब नामांकन दाखिल करने के लिए जा रहे थे, तब उन्होंने योगी आदित्यनाथ के पैर छूकर उनके आशीवार्द प्राप्त किए थे. उस समय रमन सिंह की उम्र 66 साल थी, जबकि योगी आदित्यनाथ उनसे 20 साल छोटे थे. उस समय योगी आदित्यनाथ को पद संभाले (यूपी सीएम) डेढ़ साल हो चुके थे.

तथ्य ये है कि जिस साल योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था, उस साल रमन सिंह भारतीय जन संघ युवा विंग के अध्यक्ष बन चुके थे. यह 1972 की बात है. दरअसल, रमन सिंह ने इसलिए पैर नहीं छुए थे कि कि योगी आदित्यनाथ किसी बड़े प्रदेश के सीएम हैं, बल्कि इसलिए उनका सम्मान किया था क्योंकि वे हिंदू परंपरा और संस्कृति के निर्वाहक हैं. हिंदू परंपरा में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले बड़े-बुजुर्गों और साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की भी एक तस्वीर सामने आई थी, जिसमें वह योगी आदित्यनाथ के सामने झुके हुए नजर आए थे. जहां तक रजनीकांत की बात है तो क्योंकि वह सुपर स्टार हैं और उनकी फैन फॉलोइंग बहुत बड़ी है. रजनीतकांत दक्षिण भारत से ताल्लुकात रखते हैं. लिहाजा, वहां पर, खासकर तमिलनाडु, में बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जो नहीं चाहता है कि रजनीकांत किसी के सामने झुके हुए दिखाई दें.

सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा है कि उत्तर भारत में इस तस्वीर को भले ही सामान्य माना जाता हो, लेकिन हम दक्षिण भारतीय बहुत ही आहत हैं. उन्होंने लिखा है कि हम लोग 'थलाइवा' रजनीकांत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं. उनकी पहचान पर हम सबको गर्व है. जाहिर है, ऐसे में उन्हें भी अपनी मर्यादा और सम्मान का ख्याल रखना चाहिए था. रजनीकांत का किसी के सामने झुकना अच्छा नहीं लगता है.

हालांकि, एक दूसरे यूजर ने उनका बचाव किया है. उन्होंने लिखा है कि रजनीकांत सच्चे अर्थों में हिंदू हैं. हिंदुत्व उनके दिलों में बसा है. कुछ लोगों को आपत्ति हो तो उसे समझा जा सकता है, लेकिन जो भी संन्यासी परंपरा को समझता है, वह जरूर इसे सराहेंगे. आखिरकार वह गोरखनाथ मठ के महंथ को सम्मान दे रहे हैं, भले ही वह उम्र में उनसे छोटे हों.

एक अन्य व्यक्ति ने लिखा है कि रजनीकांत आस्थावान व्यक्ति हैं. वह आस्तिक हैं. मुझे नहीं लगता है कि उन्होंने कुछ भी गलत किया है, वह किसी का भी आशीर्वाद ग्रहण करना चाहते हैं, तो उनकी इच्छा का सम्मान किया जाना चाहिए.

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