नई दिल्ली : फिल्म सुपरस्टार रजनीकांत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शनिवार को मुलाकात की थी. इस दौरान रजनीकांत ने योगी आदित्यनाथ के पैर भी छुए. उनके पैर छूने पर कई लोगों ने आपत्ति भी दर्ज की. उनका कहना था कि योगी आदित्यनाथ की उम्र 51 साल है, जबकि रजनीकांत 72 साल के हैं. ऐसे में उनका पैर छूना कहीं से भी सहीं नहीं दिखता है. हालांकि, रजनीकांत ने उम्र या पद के हिसाब से योगी आदित्यनाथ के पैर नहीं छुए, बल्कि इसलिए छुए क्योंकि योगी एक मठ के महंथ भी हैं.
रजनीकांत उन लोगों में शामिल हैं, जो हिंदू परंपरा में विश्वास रखने वाले साधु-संत और महंथ के प्रति अपने मन में असीम श्रद्धा रखते हैं. रजनीकांत ने इसका ही निर्वहन किया. वैसे, यहां पर आपको बता दें कि रजनीकांत कोई पहले व्यक्ति नहीं हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैर छुए हैं. योगी आदित्यनाथ के पैर तो सीटिंग चीफ मिनिस्टर ने भी छुए हैं. यह पढ़कर आपको आश्चर्य लगता हो, लेकिन यह सच है. एक राज्य के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया था.
साल 2018 में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह जब नामांकन दाखिल करने के लिए जा रहे थे, तब उन्होंने योगी आदित्यनाथ के पैर छूकर उनके आशीवार्द प्राप्त किए थे. उस समय रमन सिंह की उम्र 66 साल थी, जबकि योगी आदित्यनाथ उनसे 20 साल छोटे थे. उस समय योगी आदित्यनाथ को पद संभाले (यूपी सीएम) डेढ़ साल हो चुके थे.
तथ्य ये है कि जिस साल योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था, उस साल रमन सिंह भारतीय जन संघ युवा विंग के अध्यक्ष बन चुके थे. यह 1972 की बात है. दरअसल, रमन सिंह ने इसलिए पैर नहीं छुए थे कि कि योगी आदित्यनाथ किसी बड़े प्रदेश के सीएम हैं, बल्कि इसलिए उनका सम्मान किया था क्योंकि वे हिंदू परंपरा और संस्कृति के निर्वाहक हैं. हिंदू परंपरा में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले बड़े-बुजुर्गों और साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.