नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यमुना नदी प्रदूषण पर उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष के रूप में उपराज्यपाल (एलजी) को नियुक्त करने के राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के निर्देश पर रोक लगा दी. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने यह कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा 9 जनवरी, 2023 को जारी निर्देश पर इस हद तक रोक रहेगी कि दिल्ली के एलजी को समिति का सदस्य होने और इसकी अध्यक्षता करने का निर्देश दिया गया था और दिल्ली सरकार की ओर से दायर याचिका पर नोटिस भी जारी किया.
शीर्ष अदालत के समक्ष दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने उच्च स्तरीय समिति में एलजी की नियुक्ति के खिलाफ दलील दी. सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि एक डोमेन विशेषज्ञ की नियुक्ति की जा सकती थी. सिंघवी ने कहा कि एक विशेषज्ञ नियुक्त किया जाना चाहिए था और एलजी सहायता नहीं कर पाएंगे और अदालत को एलजी की नियुक्ति से बचना चाहिए था. सिंघवी ने शीर्ष अदालत से एनजीटी के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का आग्रह किया.