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जानें सेना के लिए क्यों महत्वपूर्ण है हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट? - हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट

पूर्वी लद्दाख में 11 महीने से अधिक लंबे गतिरोध को सुलझाने के लिए 9 अप्रैल को भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच 11 वें दौर की चर्चा के दौरान एक शीर्ष सूत्र जो निर्णय लेने में शामिल थे ने मीडिया को बताया कि चीन ने चार मूल फ्रिक्शन प्वाइंट में से दो को खाली करने से इनकार कर दिया. यह दोनों ही क्षेत्र सेना के लिए काफी अहम हैं.

गोगरा पोस्ट
गोगरा पोस्ट

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Published : Apr 25, 2021, 5:10 PM IST

हैदराबाद : पूर्वी लद्दाख में 11 महीने से अधिक लंबे गतिरोध को सुलझाने के लिए 9 अप्रैल को भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच 11 वें दौर की चर्चा के दौरान एक शीर्ष सूत्र जो निर्णय लेने में शामिल थे ने मीडिया को बताया कि चीन ने चार मूल फ्रिक्शन प्वाइंट में से दो को खाली करने से इनकार कर दिया.सूत्रों के अनुसार चीन ने भारत को सूचित किया कि उसे पोंगोंग त्सो क्षेत्र में विघटन के संबंध में जो हासिल हुआ है, उससे खुश होना चाहिए.

दो फ्रिक्शन प्वाइंट, हॉट स्प्रिंग्स में पैट्रोलिंग पॉइंट 15 (PP15) और PP17A गोगरा पोस्ट के पास चीन ने अभी भी वाहनों के साथ-साथ एक पलटन तैनात कर रखी है.

पिछले साल यहां क्या हुआ था?

मई 2020 में जब पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की ओरतिब्बत पठार क्षेत्र में चीन के सैनिक वार्षिक अभ्यास के लिए आए थे. इस दौरान उनकी भारती. सैनिकों के साथ गतिरोध हो गया. PP15 और PP17A उन चार प्वाइंट में से दो प्वाइंट थे जहां दोनों सेनाओं की बीच संघर्ष हुआ था.इसके अलवा गलवान घाटी में PP14 और पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर भी दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई थी. चीनी सैनिकों ने इन सभी बिंदुओं पर एलएसी को पार कर लिया था और पॉजिशन संभाल ली थी.

इस दौरान सैनिकों का सबसे अधिक प्रवेश पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर हुआ, जहां चीनी सैनिक फिंगर 4 पर थे, जो कि फिंगर 8 से 8 किमी पश्चिम में है.

PP15 और 17A क्या हैं?

चीन व भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ भारतीय सेना को कुछ निश्चित स्थान दिए गए हैं, जहां उसके सैनिकों को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में गश्त के लिए जाना पड़ता है. इन बिंदुओं को गश्त करने वाले बिंदुओं या PPs के रूप में जाना जाता है और इनको चीन अध्ययन समूह (CSG) द्वारा तय किया जाता है. CSG की स्थापना 1976 में हुई थी. उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं.

कुछ क्षेत्रों को छोड़कर, डेपसांग मैदानों की तरह ये गश्त बिंदु LAC पर हैं और सैनिक इन बिंदुओं पर अपना नियंत्रण बनाने के लिए उपयोग करते हैं. यह एक महत्वपूर्ण अभ्यास है क्योंकि भारत और चीन के बीच सीमा अभी तक आधिकारिक रूप से सीमांकित नहीं हुई है.

PP15 और PP17A, LAC के साथ लद्दाख में 65 गश्त बिंदुओं में से दो हैं. (इन 65 में से कुछ में अतिरिक्त अल्फा पीपी भी हैं, जो मूल पीपी से आगे हैं. इसलिए पीपी 17 ए अलग है, लेकिन पीपी 17 के करीब है.)

PP15 क्षेत्र में एक हॉट स्प्रिंग्स के रूप में जाना जाता है, जबकि PP17A गोगरा पोस्ट नामक क्षेत्र के पास है.

ये दोनों क्षेत्र कहां हैं?

ये दोनों इलाके पूर्वी लद्दाख में LAC के गलवान में चांग चेनमो नदी के करीब हैं, जबकि हॉट स्प्रिंग्स चांग चेनमो नदी के ठीक उत्तर में है, गोगरा पोस्ट उस बिंदु से पूर्व में है, जहां नदी गलवान घाटी से दक्षिण-पूर्व की ओर आते हुए और दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ते हुए एक हेयरपिन मोड़ लेती है.

यह इलाका पहाड़ों की काराकोरम रेंज के उत्तर में है, जो पैंगोंग त्सो झील के उत्तर में स्थित है, और गलवान घाटी के दक्षिण पूर्व में है, जो एक प्रमुख फ्लैशपोइंट बन गया और जून 2020 में एक हिंसक चेहरा बन गया. इसमें 20 भारतीय और कम से कम चार चीनी सैनिक मारे गए थे.

इस क्षेत्र का महत्व क्या है?

यह क्षेत्र कोंगका दर्रे के करीब है, जो मुख्य मार्गों में से एक है. चीन के अनुसार यह भारत और चीन के बीच की सीमा को चिह्नित करता है. भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा का दावा पूर्व की ओर है और इसमें पूरा अक्साई चिन क्षेत्र भी शामिल है.

1960 में भारत और चीन के बीच सीमा पर आधिकारिक वार्ता के दौरान, यांग कुंग-सु, जो चीनी विदेश कार्यालय में विदेश मामलों के तिब्बत ब्यूरो थे. उन्होंने कहा था कि सीमा के पश्चिमी क्षेत्र को दो भागों में विभाजित किया गया है. पहले बिंदु के रूप में और कोंगका दर्रे के उत्तर में सिंकियांग (अब शिनजियांग) और दूसरा लद्दाख के बीच की सीमा है, और इसके दक्षिण भाग में है. यह तिब्बत और लद्दाख के बीच है.

इस प्रकार हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट चीन के सबसे ऐतिहासिक रूप से अशान्त प्रांतों में से दो के बीच की सीमा के करीब हैं.

सेना के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं?

PP15 और PP17A दोनों ऐसे क्षेत्र में हैं, जहां भारत और चीन मोटे तौर पर एलएसी के संरेखण पर सहमत हैं, जो कि गलवान घाटी से दक्षिण-पूर्व में आता है, कोंगा ला पर मुड़ता है और पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर पहुंचने से पहले एन्न पास की ओर बढ़ता है.

चीन के पास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक पोस्ट कोंगका ला से कुछ किमी पहले है, जबकि भारतीय पोस्ट इसके दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं.

हालांकि, भारत और चीन के बीच 1962 के युद्ध के आधिकारिक इतिहास के अनुसार, इस क्षेत्र को प्रमुख लॉन्चपैड के रूप में पहचाना नहीं मिली है, जहां दोनों ओर से एक आक्रामक प्रक्षेपण किया जा सकता है.

आधिकारिक इतिहास नोट के मुताबिक चीन डीबीओ, चुशुल और डेमचोक पोस्ट को समाप्त करके अक्साई चिन राजमार्ग के खिलाफ किसी भी आक्रामकता के लिए संभावित लॉन्च पैड को नष्ट करने में सफल रहा.

इसने कहा कि यह उन सभी विवादों को और मजबूत करता है जिसमें भारतीयों को चुशुल में कम से कम एक जम्प ऑफ प्वाइंट को बरकरार रखना चाहिए.

हालांकि 1962 के संघर्ष के दौरान भी हॉट स्प्रिंग्स एक महत्वपूर्ण पद था. अक्टूबर 1962 में गलवान पोस्ट में एक मजबूत कंपनी तैनात थी, जबकि तीन अन्य पद- हॉट स्प्रिंग्स, नाला जंक्शन और पैट्रोल बेस- में एक पलटन मौजूद थी.

हॉट स्प्रिंग ने कंपनी मुख्यालय के रूप में भी काम किया और 21 अक्टूबर को चीनियों द्वारा गोलाबारी की गई. चीनी सैनिक हॉट स्प्रिंग के पीछे जाना चाहते थे, लेकिन नाला जंक्शन पर उनका विरोध किया गया.

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अब क्या स्थिति है?

हाल ही में गतिरोध के दौरान चार प्रारंभिक फ्रिक्शन प्वाइंट में से दो में, PP15 और PP17A से सैनिकों का विस्थापन जून 2020 में शुरू हुआ था. दोनों पक्ष जून 14 में सीनियर मिलिटरी कमांडरों की बैठक के बाद पीपीएल (गलवान वैली), PP15 और PP17 ए से अलग होने के लिए सहमत हुए थे.

हालांकि चीन ने PP14 से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया, लेकिन इसने PP15 और PP17A से होने वाले विघटन को पूरा नहीं किया, जबकि पहले इन दोनों स्थानों पर बड़ी तादाद में सेना तैनात थी, वहां अब भी सैन्य वाहनों के साथ-साथ एक-एक पलटन मौजूद है.

पैंगोंग त्सो क्षेत्र में विघटन के बाद जब भारत और चीन दोनों ने फरवरी में अपने सैनिकों और बख्तरबंद स्तंभों को वापस बुला लिया था, समझौते के अनुसार वरिष्ठ सैन्य कमांडरों को इन दोनों और डेपसांग मैदानों सहित अन्य फ्रिक्शन प्वाइंट पर चर्चा करने के लिए मिलना था. हालांकि, वार्ता में कोई भी ताजा चीज सामने नहीं आई है और चीन ने पीछे हटने से इनकार कर दिया है.

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