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श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह हुआ स्वर्ण मंडित, पीएम मोदी ने किया पहला जलाभिषेक

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Published : Feb 28, 2022, 9:08 AM IST

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद मंदिर के गर्भगृह की दीवारें काफी पुरानी और जर्जर प्रतीत होती थीं. इसे लेकर एक व्यापारी की तरफ से कई बार प्रयास के बाद विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने इसकी अनुमति दे दी. तकनीकी एक्सपर्ट की तरफ से मंदिर की दीवारों की जांच की गई. इसमें मंदिर की दीवारों के पुराने होने की वजह से स्वर्ण का भार न ले पाने की बात पहले कही गई थी.

पीएम मोदी ने किया पहला जलाभिषेक
पीएम मोदी ने किया पहला जलाभिषेक

वाराणसी :वाराणसी में महाशिवरात्रि से पहले श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने का काम पूरा हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पहली बार गर्भगृह के स्वर्ण मंडित होने के बाद अंदर पूजन-अर्चन किया. महत्वपूर्ण बात यह है कि विश्वनाथ धाम के तैयार होने के बाद दक्षिण के एक व्यापारी की मदद से विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह की दीवारों को भी स्वर्ण मंडित करवाने का काम किया था जो काम पूर्ण होने के बाद रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यहां विशेष पूजन किया गया.

दरअसल, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद मंदिर के गर्भगृह की दीवारें काफी पुरानी और जर्जर प्रतीत होती थीं. इसे लेकर एक व्यापारी की तरफ से कई बार प्रयास के बाद विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने इसकी अनुमति दे दी. तकनीकी एक्सपर्ट की तरफ से मंदिर की दीवारों की जांच की गई. इसमें मंदिर की दीवारों के पुराने होने की वजह से स्वर्ण का भार न ले पाने की बात पहले कही गई थी, हालांकि बाद में तकनीकी टीम द्वारा इस पर किसी विशेष पट्टी का इस्तेमाल कर केमिकल का लेपन करने के बाद इस पर सोने को चढ़ाया गया है. इसके बाद रविवार को निरीक्षण के बाद विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष पूजन भी किया. महाशिवरात्रि से पहले बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के बाद भक्तों को यहां पर एक और बड़ा ही बृहद रूप भक्तों को देखने को मिलेगा.

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह हुआ स्वर्ण मंडित

वहीं, महाशिवरात्रि पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की तरफ से यहां होने वाली चार अलग-अलग आरतियों के समय में भी कुछ परिवर्तन किया गया है. विश्वनाथ मंदिर की तरफ से जारी शेड्यूल के मुताबिक एक मार्च को मंगला आरती सुबह 2:15 पर पूजा के साथ प्रारंभ होगी. 3:15 पर आरती खत्म होगी. सुबह 3:30 बजे मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा जबकि मध्याह्न भोग आरती 12:00 बजे शुरू होगी जो 12:30 बजे खत्म होगी. शाम को होने वाली सप्त ऋषि आरती और रात्रि की शयन आरती शृंगार आरती उस दिन नहीं की जाएगी. उसके स्थान पर चार अलग-अलग प्रकार की आरती की जाएगी जिस की समय सारणी इस प्रकार होगी.

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प्रथम प्रहर की आरती एक मार्च को रात्रि 10:50 पर शुरू होगी और गर्भगृह में जाने से लोगों को रोका जाएगा. रात्रि 11:00 बजे से आरती शुरू होकर रात 12:30 तक आरती चलेगी. इसके बाद द्वितीय प्रहर की आरती 1:20 यानी रात्रि में शुरू होगी इस समय दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक होगी.

रात में 1:30 पर आरती शुरू होने के बाद 2:30 पर खत्म होगी. रात्रि 2:55 पर दर्शनार्थियों को गर्भगृह में जाने से रोक दिया जाएगा और 3:00 बजे प्रातः आरती शुरू होगी और 4:25 पर खत्म होगी. चतुर्थ प्रहर में प्रातः 4:55 पर आरती दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी. 5:00 बजे आरती शुरू होगी जो 6:15 बजे तक चलेगी.

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