दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड से विदेशी सैलानी हो रहे दूर! कोरोना, आपदा का डर या कुछ और

उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है. यहां की सुंदर वादियां, कल कल करती नदियां, ऊंचे पहाड़, हरे भरे जंगल, मठ और मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं. देसी पर्यटकों ने चारधाम यात्रा के दौरान पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. लेकिन चिंता विदेशी पर्यटकों को लेकर है. विदेशी पर्यटकों की उत्तराखंड को लेकर बेरुखी परेशान कर रही है. पेश है हमारी खास रिपोर्ट.

FOREIGN TOURISTS COMING TO UTTARAKHAND
उत्तराखंड से विदेशी सैलानी हो रहे दूर!

By

Published : Dec 6, 2022, 3:03 PM IST

देहरादून: पर्यटन प्रदेश का सपना पूरा करने के लिए डोमेस्टिक टूरिस्ट यानी घरेलू पर्यटकों के साथ विदेशी सैलानियों का भी खास महत्व है. उत्तराखंड, देश के यात्रियों को तो इस लिहाज से रिझाने में कामयाब हुआ है, लेकिन विदेशी पर्यटकों के मामले में राज्य काफी खराब स्थिति में है. हालात ये हैं कि प्रदेश में विदेशी पर्यटकों की संख्या 70 प्रतिशत से भी ज्यादा कम हुई है. हालांकि विदेशी नागरिकों के उत्तराखंड को लेकर मोहभंग की कई वजह मानी जा रही हैं.

चारधाम यात्रा के दौरान 46 लाख लोग उत्तराखंड आए: चारधाम यात्रा के दौरान उत्तराखंड में करीब 46 लाख से ज्यादा यात्री पहुंचे हैं. ये अबतक की रिकॉर्ड संख्या मानी जा रही है. उत्तराखंड सरकार राज्य में यात्रियों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोत्तरी से उत्साहित है. लेकिन इस बीच प्रदेश के लिए विदेशी सैलानियों की संख्या में कमी आने की खबर चिंता पैदा करने वाली है. जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में चारधाम यात्रा समेत विभिन्न पर्यटक स्थलों पर भी विदेशी सैलानियों की संख्या में भारी कमी रही है.

उत्तराखंड से विदेशी सैलानी हो रहे दूर!

विदेशी पर्यटकों के मोहभंग का कारण:हालांकि विदेशी नागरिकों का उत्तराखंड से मोहभंग होने की अपनी अलग अलग वजह बताई जा रही है. साहसिक खेलों के आयोजक मंजुल रावत कहते हैं कि प्रदेश में साहसिक खेलों को लेकर काफी ज्यादा संभावनाएं हैं. विदेशी पर्यटकों का भी इस ओर काफी ज्यादा रुझान रहता है. लेकिन सरकार का इस दिशा में बेहतर पॉलिसी और बेंच मार्क स्थापित ना कर पाना, इस सेक्टर को खत्म कर रहा है. जाहिर है कि इसका सीधा असर विदेशी नागरिकों की संख्या पर भी पड़ रहा है.

देसी पर्यटकों की मनपसंद जगह है उत्तराखंड.

आंकड़े दिखा रहे आईना: प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं के बीच विदेशी नागरिकों का ना पहुंचना कई तरह की वजहों पर प्रकाश डाल रहा है. आंकड़ों के जरिए जानिए कि विदेशी नागरिकों को लेकर उत्तराखंड की क्या स्थिति है.

उत्तराखंड पर्यटन
1. उत्तराखंड में घरेलू पर्यटक की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी गई है. साल 2020 में जहां 7,005,265 घरेलू पर्यटक उत्तराखंड पहुंचे तो 2021 में यह आंकड़ा एक करोड़ 94 लाख 24 हजार 475 हो गया.
2. विदेशी पर्यटकों के लिए आंकड़े में कमी देखी गई. साल 2020 में जहां 41,339 विदेशी सैलानी पहुंचे थे. वहीं 2021 में सिर्फ 8,532 सैलानी ही उत्तराखंड पहुंचे.
3. तुलनात्मक रूप से करीब 79.36 प्रतिशत की कमी विदेशी नागरिकों के उत्तराखंड पहुंचने को लेकर आई. घरेलू पर्यटकों की संख्या में 177 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई.
4. राष्ट्रीय स्तर पर भी विदेशी नागरिकों के देश में पहुंचने को लेकर संख्या कम हुई है.
5. घरेलू पर्यटकों के लिहाज से उत्तराखंड देश में 12 वीं रैंक में है.
6. विदेशी नागरिकों की संख्या के लिहाज से उत्तराखंड देश में 15वीं रैंक पर है.

उत्तराखंड में घटी विदेशी पर्यटकों की संख्या.

उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को खींचता है:उत्तराखंड विदेशी नागरिकों के साथ देश के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रहा है. राज्य के नैसर्गिक सौंदर्य के साथ चार धाम, स्कीइंड, पर्वतारोहण, कैंपिंग, रिवर राफ्टिंग, योग और अध्यात्म के लिए भी पर्यटक उत्तराखंड में पहुंचते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में घरेलू पर्यटकों की संख्या तो बढ़ी लेकिन विदेशी नागरिक उत्तराखंड से रूठते चले गए. इसकी एक बड़ी वजह उत्तराखंड में आपदा की घटनाओं का डर भी माना जा रहा है. खास तौर पर केदारनाथ आपदा के बाद नकारात्मक प्रचार प्रसार ने पर्यटन को प्रभावित किया. इसके अलावा कोरोना का डर भी विदेशी पर्यटकों के न पहुंचने की सबसे बड़ी वजह बताया जा रहा है.

पर्यटन है रोजी रोटी का साधन: पर्यटन उत्तराखंड में लोगों की रोजी रोटी का बड़ा जरिया है. हजारों लाखों परिवार पर्यटन के जरिए ही दो जून की रोटी जुटा पाते हैं. लिहाजा सरकार भी पर्यटन को लेकर समय-समय पर कई दावे करती रही है. लेकिन इसके बावजूद पर्यटन के क्षेत्र में कोई बड़े और महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल स्थापित करने में सरकार नाकाम रही है.

देवभूमि में हैं बेहतरीन जगहें.
ये भी पढ़ें:विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा संपन्न, 46 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन कर तोड़े सभी रिकॉर्ड

घटते विदेशी पर्यटकों पर सरकार चुप!: विदेशी नागरिकों की संख्या में आ रही कमी की वजह सरकार से भी जानने के प्रयास किए गए. लेकिन स्थिति ये है कि इतने बड़े विभाग में कोई भी इस पर बात करने के लिए मौजूद नहीं दिखा. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज जहां अपने प्रदेश के बाहर कार्यक्रमों से फुर्सत नहीं पा रहे हैं, तो वहीं सचिव पर्यटन के पास भी मुलाकात का कम ही वक्त होता है. इसके अलावा कोई दूसरा व्यक्ति इतने बड़े महकमे में मौजूद नहीं है, जो खुद को इस पर बात करने के लिए अधिकृत पाता हो.

ABOUT THE AUTHOR

...view details