वलसाड :गांधी जी परोपकार, सत्य और अहिंसा की वृत्ति के प्रतिमूर्ति थे. अपने जीवन को दूसरों के लिए समर्पित करना ही उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य था. महात्मा गांधी के निर्वाण दिवस पर वलसाड के धनसुख भाई ने अनमोल श्रद्धांजलि दी है. वे कहते हैं कि गांधी जी का हर एक शब्द और सिद्धांत आज भी उतना ही सटीक और सत्य है.
ऐसे समय में वलसाड के एक इंटीरियर डिजाइनर ने अपने घर को गांधी संग्रहालय में रूप में परिवर्तित कर दिया है. पिछले 30 वर्षों से अधिक समय से उन्होंने गांधी जी से जुड़ी कई दुर्लभ वस्तु जुटाया है और उन्हें एक संपूर्ण संग्रहालय बनाने के लिए अपने घर में रखा है. शहर में एक इंटीरियर डिजाइनर के रूप में जाने जाने वाले धनसुख मिस्त्री पिछले 29 सालों से कई डिजाइन बनाने के साथ-साथ चीजों को इकट्ठा करने के भी शौकीन रहे हैं.
जुटाईं दुर्लभ वस्तुएं
धनसुख मिस्त्री ने गांधी जी से जुड़ी चीजों को इकट्ठा करना शुरू किया. जिसके बाद से आज तक उन्होंने गांधी जी से जुड़ी कई चीजें एकत्रित की हैं. उनके पास कई दुर्लभ वस्तुएं उपलब्ध हैं. जिसमें लाठी, चरखा, टोपी, सिक्के, स्याही पेन, घड़ियां आदि शामिल हैं.
यही नहीं उन्होंने अपना घर ही गांधी संग्रहालय में रूप में परिवर्तित कर दिया है. चूंकि धनसुख मिस्त्री द्वारा एकत्र की गई एक तस्वीर सहित कई चीजों का खजाना एक जगह पर रखना मुश्किल है. इसलिए उन्होंने अपने बंगले के पूरे चार मंजिला कमरे को गांधी संग्रहालय में बदल दिया है. उनके पास कई दुर्लभ चीजें भी हैं. धनसुखभाई द्वारा एकत्र की गई वस्तुओं में से महात्मा गांधी के विभिन्न डाक टिकट जो दुनिया भर में प्रकाशित हुए थे.
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