नई दिल्ली:विकासशील देशों की छाप जी20 की बैठक में सकारात्मक रूप से महसूस की जाएगी. इसके लिए वैश्विक महत्व के मामलों से निपटने के दौरान हमें संतुलन बनाए रखने की जरूरत है. उक्त बातें सेंटर फॉर ग्लोबल इंडिया इनसाइट्स द्वारा आयोजित भारत के जी20 मोमेंट: फोर्जिंग इनक्लूसिव वर्ल्ड ऑर्डर पर व्याख्यान के दौरान भारत के जी20 के मुख्य समन्वयक हर्ष श्रृंगला (G20 chief coordinator Harsh Shringla) ने मंगलवार को कही.
उन्होंने एक समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई-उन्मुख और निर्णायक जी20 प्रेसीडेंसी के पीएम मोदी के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में जी20 बैठकों की मेजबानी करने के क्रम में सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं. उन्होंने मीडिया से कहा, भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत हम अपने देश की सांस्कृतिक विरासत, विविधता और अपनी पर्यटन क्षमता का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम हैं और पूरी प्रक्रिया में अपने लोगों को जनभागीदारी मोड में शामिल करते हैं.
उन्होंने कहा, भारत ने जी20 की अध्यक्षता के साढ़े चार महीने पूरे कर लिए हैं और हमने खुद को काफी अच्छी तरह से व्यवस्थित किया है. हमारे देश भर में वित्त मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के स्तर पर कई प्रमुख बैठकें हुई हैं. हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या भारत यूक्रेन के राष्ट्रपति को आमंत्रित करने पर विचार करेगा, इस पर श्रृंगला ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. बता दें कि यूक्रेन की उप विदेश मंत्री झापरोवा ने दोनों देशों के बीच सहयोग को और तेज करने के लिए भारत से जी20 बैठकों में यूक्रेनी अधिकारियों को शामिल करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, हम जी20 और भारत की जी20 अध्यक्षता के संदेश को जमीनी स्तर पर भी ले जाना चाहते हैं.
श्रृंगला ने आगे एक प्रमुख मुद्दे के रूप में प्रमुख ऋणग्रस्तता की ओर इशारा किया और कहा कि कम आय वाले 60 फीसदी देश कर्ज से परेशान हैं. भारत की G20 अध्यक्षता एक चुनौतीपूर्ण समय में आई है, खासकर जब दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध के नतीजों और कोविड महामारी के प्रभाव का सामना कर रही है. भारत ने पिछले साल दिसंबर में जी20 की अध्यक्षता संभाली थी और इस साल 30 नवंबर तक इसकी अध्यक्षता करेगा. उन्होंने कहा कि भारत का जी20 की अध्यक्षता इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि यह सभी की भलाई के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान ढूंढकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है, और ऐसा करने में 'वसुधैव कुटुम्बकम' या 'विश्व एक है' की सच्ची भावना को प्रकट करता है. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत जम्मू-कश्मीर और संघ सहित 50 शहरों में देश भर में 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी कर रहा है. बता दें कि जी20 या 20 का समूह एक अंतर-सरकारी मंच है जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं.
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