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कर्नाटक हाईकोर्ट ने 13 जोड़ों को डोनर के स्पर्म से बच्चे पैदा करने की इजाजत दी

कर्नाटक हाईकोर्ट के एक फैसले से 13 जोड़ों के घरों में किलकारियां गूंजने की उम्मीद बंध गई है. अदालत ने किराए की कोख और स्पर्म डोनर को लेकर बड़ा फैसला दिया है. Karnataka High Court sperm donors

The High Court allowed 13 couples to have children with sperm from donors
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 13 जोड़ों को दानदाताओं के शुक्राणु से बच्चे पैदा करने की इजाजत दी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 22, 2023, 8:58 AM IST

बेंगलुरु:हाईकोर्ट ने 13 जोड़ों को डोनर के स्पर्म से बच्चे पैदा करने और किराए की कोख चुनने की इजाजत दे दी है. न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की एकल सदस्यीय पीठ 14 मई 2023 को लागू हुए सरोगेसी संशोधन नियम 7 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. इसके अलावा नए किराये के मातृत्व (सरोगेसिस) के संशोधन के अनुसार डोनर का शुक्राणु कृतघ्नता है. हालाँकि, सभी मामलों को एक समान रूप से लागू करना सही नहीं है. कोर्ट ने कहा कि हर मामले के आधार पर नियमों में ढील दी जा सकती है.

अदालत ने कहा,'ऐसे दंपत्ति जो बच्चे पैदा करना चाहते हैं उनकी चिकित्सीय स्थिति के आधार पर नियम को हटाया जाना चाहिए या ढील किया जाना चाहिए. नियम 14 में इसकी अनुमति है. हालांकि, अधिनियम में चिकित्सा स्थिति की कोई परिभाषा नहीं है. नियम 14 में एक महिला के स्वास्थ्य की स्थिति का पहलू प्रस्तावित किया गया है जो नियम 14 में किराये का मातृत्व चुनना चाहती है.'

साथ ही कोर्ट के सामने कई आवेदक भी हैं. उनकी चिकित्सीय स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें गर्भावस्था किराए की कोख के माध्यम से बच्चे प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी. अदालत ने संबंधित अधिकारियों को अधिकारियों द्वारा दायर याचिकाओं की तुरंत समीक्षा करने और आवश्यक प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया है.

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अदालत ने केरल और दिल्ली समेत कई उच्च न्यायालयों के फैसलों का हवाला दिया है. अगर दिल्ली की अदालत ने कहा है कि नए नियमों ने जोड़े के अधिकारों की चोरी की है, तो केरल उच्च न्यायालय के संशोधन के पीछे क्या उद्देश्य है? इससे उस पर सवाल उठाया गया. यही मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है. हाईकोर्ट ने इस संबंध के कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा है कि एक महिला को अंतरिम आदेश के तौर पर डोनर से शुक्राणु प्राप्त करने की अनुमति दी गई थी. साथ ही आवेदक ने संशोधन पर सवाल उठाया है. हालाँकि, नए संशोधन के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने उन 13 दंपत्तियों को बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी है जो अदालत गए थे.

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