नैनीताल:आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (ARIES Nainital) ने एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. उत्तराखंड के नैनीताल जिले के देवस्थल में विश्व का पहले इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलिस्कोप (ILMT) का संचालन शुरू हो गया है. एक माह के अध्ययन के बाद अंतरिक्ष से टेलिस्कोप के माध्यम से खींची गई पहली तस्वीर भी वैज्ञानिकों ने प्रस्तुत की है.
देवस्थल में दुनिया का पहला इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलिस्कोप (आईएलएमटी) स्थापित हो चुका है. 50 करोड़ की लागत से निर्मित दूरबीन ने पहले चरण में हजारों प्रकाश वर्ष दूर की आकाशगंगा व तारों की तस्वीरें उतार कर कीर्तिमान स्थापित किया है. निदेशक प्रो दीपांकर बनर्जी ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में दूरबीन के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने दावा है किया है कि लिक्विड टेलिस्कोप की मदद से आकाश गंगा में प्रतिदिन घटित होने वाली घटनाओं पर बारीकी से अध्ययन किया जा सकेगा और भविष्य में होने वाले परिवर्तन को जानने और उजागर करने में मदद मिलेगी.
नैनीताल में लगा विश्व का पहली लिक्विड मिरर टेलिस्कोप. आठ साझा देशों की परियोजना:साल 2017 में बेल्जियम, कनाडा, पोलैंड, उज़्बेकिस्तान समेत 8 देशों की मदद से एरीज ने करीब 50 करोड़ की मदद से इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलिस्कोप (International Liquid Mirror Telescope) का प्रोजेक्ट शुरू किया था. कोरोना काल के कारण टेलिस्कोप के संचालन को लेकर देरी हुई, जिसे बीते माह से शुरू कर दिया गया है.
एरीज के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शशि भूषण पांडे ने बताया कि पारंपरिक टेलिस्कोप की तुलना में इस टेलिस्कोप की मदद से अंतरिक्ष के एक बड़े एरिया को कवर करने में मदद मिलेगी. साथ ही लेंस की साफ सफाई और उसके रख रखाव में भी समय की बचत होगी. इस दूरबीन में पहली बार लिक्विड के रूप में मर्करी (पारे) का प्रयोग किया गया है. मर्करी में 85% परावर्तन क्षमता होती है, जिससे आकाश गंगा के अध्यन और उसके परिणाम प्राप्त करने के फायदा होगा. इससे प्रतिदिन 10 से 15 जीबी डाटा जनरेट होगा.
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प्रोजेक्ट पर काम कर रहे वैज्ञानिक डॉक्टर बृजेश कुमार ने बताया कि पहले चरण में ही 95 हजार प्रकाश वर्ष दूर एनजीसी 4274 आकाश गंगा की साफ तस्वीर लेकर एरीज ने एक कीर्तिमान स्थापित किया है. उन्होंने बताया कि यह एक सर्वे टेलिस्कोप है. यही नहीं आकाश गंगा मिल्की-वे के तारों को भी आसानी से कैमरे में कैद करने में सफलता मिली है. प्रोजेट में काम कर रहीं वैज्ञानिक डॉ कुंतल मिश्रा बताती हैं कि कनाडा के प्रोफेसर पॉल हैक्सन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट को लीड कर रहे हैं.
एरीज के निदेशक दीपांकर बनर्जी ने बताया कि टेलिस्कोप के उद्घाटन को लेकर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सीएम पुष्कर सिंह धामी व अन्य गणमान्य लोगों को आमंत्रण दिया जाएगा. डॉ बनर्जी ने बताया कि टेलिस्कोप का डिजाइन बेल्जियम की एक कंपनी ने किया है, जिसके बाद इसे एरीज की अन्य रिसर्च शाखा देवस्थल में इंस्टॉल किया गया है.