नई दिल्ली: भाजपा सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों प्रधानमंत्री के सामने उत्तर प्रदेश के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan in charge of Uttar Pradesh) ने चुनाव नतीजों का पूरा खाका रखा था. जिसमें चुनाव के रिजल्ट को 4 भागों में वर्गीकृत किया गया है. इसमें जीते हुए उम्मीदवार की शिक्षा-दीक्षा, जीते हुए उम्मीदवार का क्षेत्र, जीते हुए उम्मीदवार की जाति और उस जिले में उनकी संख्या और जीते हुए उम्मीदवार की उम्र को शामिल किया गया है.
सूत्रों की मानें तो पार्टी यह तैयारी 2024 के लिए कर रही है. यही वजह है कि चुनाव के नतीजे आने के बाद, जातिगत और सीटों का क्रमवार विश्लेषण किया जा रहा है. जिन जगहों पर पार्टी के वोट शेयर बढ़े हैं और जहां वोट शेयर घटे हैं, उन पर भी विश्लेषण किया गया है. सूत्रों की मानें तो उम्मीदवारों का वर्गीकरण सरकार में हिस्सेदारी के अनुसार किया गया है. यानी जितनी जिसकी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के अनुपात में सरकार में मंत्री बनाए जाने की उम्मीद है.
मंत्री बनाने की यह नीति
कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले लोगों में मुख्य अहर्ताएं यह भी हैं कि सभी पढ़े-लिखे और युवा विधायकों को ही पार्टी ज्यादा तरजीह देगी. पार्टी सूत्रों की मानें तो सभी जाति, क्षेत्र ,उम्र और शिक्षा वर्ग के उम्मीदवारों को सरकार में प्रतिनिधित्व देने पर विचार किया जा रहा है. पार्टी ने मंत्रियों का एक विश्लेषण और सर्वे भी करवाया है. जिनकी रिपोर्ट खराब आई है, उन्हें पार्टी रिपीट नहीं करने का मन बना चुकी है. मगर अंदरखाने जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार पार्टी के बड़े नेताओं ने यह तय किया है की पार्टी के बड़े जनाधार वाले चेहरे और मंत्रिमंडल में रहे वैसे मंत्री, जिनके विभाग का रिपोर्ट कार्ड अच्छा रहा है, उन्हें रिपीट किया जा सकता है.