नई दिल्ली :लोकसभा ने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच मंगलवार को 'अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021' को मंजूरी दे दी जिसमें राष्ट्र की सुरक्षा एवं जन-जीवन और सम्पत्ति को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अनिवार्य रक्षा सेवाएं बनाये रखने का उपबंध किया गया है.
यह विधेयक संबंधित 'अनिवार्य रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021' का स्थान लेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि यह विधेयक राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लाया गया है. इसका मकसद यह है कि हथियारों एवं गोला-बारूद की आपूर्ति में बाधा नहीं आए.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में आयुध कारखानों के नियोक्ताओं एवं मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों से अच्छी चर्चा की गई है. इसमें कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा गया है, अत: इस विधेयक को आम-सहमति से पारित किया जाना चाहिए.
इससे पहले विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि देश की उत्तरी सीमा पर जो स्थिति है उससे पूरा सदन अवगत है. इसलिए हमारी सेना को आयुध की निर्बाध आपूर्ति होनी चाहिए.
उन्होंने बताया कि पूर्व का कानून 1990 में खत्म हो चुका है. आवश्यक रक्षा आयुध सेवाओं के लिए कोई कानून नहीं था. उस समय संसद का सत्र नहीं चल रहा था, इसलिए मंत्रिमंडल ने 30 जून को अध्यादेश को मंजूरी दी.
भट्ट ने इस बात पर बल दिया कि किसी भी कर्मचारी और अधिकारी के हितों को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान विधेयक में नहीं है.
उन्होंने कहा, हमारे मित्रों (सदस्यों) ने जो आपत्तियां दी हैं वे निराधार हैं. कहीं भी मौलिक अधिकार का हनन नहीं होता है. कर्मचारियों को मिलने वाली सुख-सुविधा में कोई कटौती नहीं होती है.
रक्ष राज्य मंत्री ने सदस्यों से अपील की, सभी लोग मिलकर इस विधेयक को पारित करें क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है.