राहुल गांधी के बचाव में उतरी पूरी कांग्रेस पार्टी, कहा- 'पनौती' और 'जेबकतरा' शब्द गलत नहीं - कांग्रेस पार्टी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हाल ही में की गई टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नोटिस जारी कर दिया है. इसे लेकर कांग्रेस पार्टी में काफी रोष है. इस नोटिस को लेकर पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी का बचाव किया है. Congress Party, Notice to Rahul Gandhi, Election Commission Issues Notice,
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को कहा कि राहुल गांधी द्वारा कथित तौर पर पीएम मोदी के संदर्भ में 'पनौती' और 'जेबकतरा' जैसे शब्दों के इस्तेमाल में कुछ भी गलत नहीं है. कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने ईटीवी भारत से कहा कि 'हम चुनाव आयोग के नोटिस का उचित जवाब देंगे.'
पार्टी की यह प्रतिक्रिया चुनाव आयोग द्वारा राहुल गांधी को नोटिस भेजे जाने के तुरंत बाद आई, जिसमें उनसे 25 नवंबर को पैनल के सामने पेश होने और राजस्थान में हाल के चुनावी भाषणों के दौरान की गई उनकी कथित टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया. चुनाव आयोग का नोटिस भाजपा द्वारा दायर एक शिकायत पर आधारित था, जो कांग्रेस नेता की टिप्पणी से नाराज थी.
बता दें कि 'पनौती' हिंदी में एक ऐसे व्यक्ति के लिए एक सामान्य संदर्भ है, जो बुरी खबर लाता है, 'जेबकतरा' एक जेबकतरे के लिए एक संदर्भ है. कांग्रेस कार्य समिति के एक सदस्य ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा इन दो शब्दों के इस्तेमाल में कुछ भी गलत नहीं है. पनौती शब्द भीड़ के बीच से आया और उन्होंने बिना किसी का नाम लिए सिर्फ इसे दोहराया.
उन्होंने कहा कि अहमदाबाद के जिस स्टेडियम में क्रिकेट वर्ल्ड कप का मैच खेला जा रहा था, वहां हजारों लोग मौजूद थे. इसलिए, यह बहुत अस्पष्ट आरोप है कि इसका इस्तेमाल पीएम के लिए किया गया था. उन्होंने कहा कि 'जेबकात्रा फिर से एक सादृश्य का हिस्सा है, जिसका उपयोग आमतौर पर किसी चीज़ को समझाने के लिए किया जाता है. फिर, राहुल गांधी ने सीधे तौर पर कोई नाम नहीं लिया.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि ये दो बिंदु चुनाव आयोग के नोटिस पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया का आधार बनेंगे, उन्होंने कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख के चुनाव आयोग के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने की संभावना नहीं है और उनके वकीलों द्वारा उपयुक्त जवाब प्रस्तुत किया जाएगा.
खेड़ा ने कहा कि 'अतीत में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने हमारे नेता को बदनाम करने के लिए कई शब्द इस्तेमाल किए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा 'राहु काल', पीएम मोदी द्वारा 'मूर्खों का सरदार' और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी इसी तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया गया. जब पीएम मोदी ऐसा जिक्र करते हैं तो यह मजाक बन जाता है और जब राहुल गांधी कुछ कहते हैं तो यह अपमान बन जाता है. ऐसा नहीं हो सकता. एक व्यक्ति का व्यंग्य दूसरे व्यक्ति का अपमान नहीं हो सकता.'
कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भाजपा के पास 'पनौती' शब्द से परेशान होने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि भगवा पार्टी ने पिछले नौ वर्षों में राहुल गांधी को बदनाम करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. श्रीनेत ने कहा कि 'वे लोग तब कहां थे, जो पनौती शब्द पर क्रोधित हो रहे है, जब राहुल गांधी को बदनाम करने के लिए हजारों करोड़ रुपये अभियानों पर खर्च किये गये थे.'
उन्होंने कहा कि 'उनके भाषणों के कुछ हिस्सों को काटा गया और उनका दुरुपयोग किया गया. यही लोग तब नाराज़ क्यों नहीं होते जब पीएम मोदी किसी विपक्षी नेता को 'मूर्खों का नेता' कहते हैं. पनौती शब्द हमारा नहीं, जनता का दिया हुआ शब्द है. लेकिन मुद्दा यह है कि जब भी बड़े और खोखले वादे करने वाले या पनौती शब्द का जिक्र किया जाता है, तो लोग पीएम मोदी के बारे में क्यों सोचते हैं.'
उन्होंने कहा कि 'हाल ही में बीजेपी नेता अमित मालवीय ने प्रियंका गांधी वाड्रा की एक तस्वीर ट्वीट की थी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के संदर्भ में पनौती शब्द का इस्तेमाल किया था. तब वही लोग नाराज क्यों नहीं हुए.'