श्रीनगर :कश्मीर पूरी दुनिया में अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है और इसे अक्सर 'एशिया का स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है, जबकि यह अपने लैंजस्केप और जल निकायों के लिए भी प्रसिद्ध है, लेकिन इन दिनों कश्मीर ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को तेजी से महसूस कर रहा है.
बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण और जंगलों के कटने के कारण कश्मीर एक प्रतिकूल दर पर ग्लेशियरों के पिघलने सहित इसके प्रतिकूल प्रभाव को महसूस कर रहा है.
उत्तराखंड में ग्लेशियर के टूटने के बाद, जिसमें कई लोग मारे गए और सैकड़ों लापता हो गए, जम्मू-कश्मीर के विशेषज्ञों का मानना है कि सोनमर्ग के थजीवास ग्लेशियर पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.
पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा है कि थजीवास ग्लेशियर ने पिछले तीन सालों में लगभग 50 मीटर से अधिक कम हो गए हैं, जो चिंता का कारण है. अगर ध्यान नहीं दिया गया तो सोनमर्ग क्षेत्र और आसपास के लोगों के लिए खतरा पैदा हो सकता है.