वाराणसी :भारतीय संस्कृति और सभ्यता से प्रभावित होकर दुनिया के कोने-कोने से लोग काशी खिंचे चले आते हैं. इनमें कई नामी हस्तियां भी शामिल हैं. यहां आने वाले विदेशी सैलानी खासकर धर्मनगरी काशी की यात्रा जरूर करते हैं. इस वक्त पितृपक्ष चल रहा है, ऐसे में सोमवार को थाई फिल्मों के सुपरस्टार आर्टीचार्ट चुनमन्नंत अपनी मां साकरिक के साथ वाराणसी पहुंचे. इन दोनों ने बड़े ही श्रद्धाभाव के साथ यहां लगभग 2 घंटे से ज्यादा वक्त बिताया. नमो घाट पर अपने पुरखों का श्राद्ध कर्म और तर्पण किया. पिंडदान के साथ ही सुपरस्टार की मां साकरिक ने अपने केश दान किए और पितरों की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध का कर्म पूर्ण किया.
भगवान विष्णु उपासक हैं आर्टीचार्ट :आर्टीचार्ट चुनमन्नंत और उनकी मां साकरिक भगवान विष्णु की आराधना करते हैं. होली सोल चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से पिंडदान का कार्यक्रम संपन्न कराया गया है. सनातनी और बड़ी मां के नाम से प्रसिद्ध अर्धनारीश्वर स्वरूप यानरावि ने यह श्राद्ध कर्म और तर्पण करवाया. आर्टीचार्ट और उनकी मां सोमवार को 12 अन्य थाई नागरिकों के साथ वाराणसी पहुंचे. जहां मां यानरावि के साथ विदेशी साधु-संत और उनके अनुयाई भी शामिल हुए.
साकरिक ने कहा- श्राद्ध कर्म और तर्पण से मिली खुशी : नमो घाट पर पिंडदान करने के बाद पूरा दल सारनाथ पहुंचा, जहां भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली का भ्रमण करने के बाद इन लोगों ने विधिवत दर्शन-पूजन किया. अपने बालों का दान करने के बाद आर्टीचार्ट की मां साकरिक ने कहा कि उनका बेटा आज थाई फिल्मों का सुपरस्टार है. पहली बार उसको लेकर मैं वाराणसी आई हूं. हम अपने जीवन में हिंदू रीति का पालन करते हैं. आज काफी खुशी है कि हमने अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए गंगा किनारे श्राद्ध कर्म और तर्पण किया. कहा कि दुनिया हिंदू रीति को फॉलो कर रही है. थाईलैंड में भी काफी लोगों ने हिंदू धर्म का पालन शुरू कर दिया है.