हैदराबाद: सिरसिला में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का कपड़ा उद्योग 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं तेलंगाना के मंत्री के टी रामाराव समेत इस सीट चुनाव लड़ रहे अन्य उम्मीदवारों का भाग्य तय करने में अहम भूमिका निभाएगा. सिरसिला में कपड़ा उद्योग पर 1,800 से अधिक परिवार आश्रित हैं. सिरसिला की कहानी काम की कमी के कारण बुनकरों की आत्महत्या से हटकर हाल के दिनों में सकारात्मक पथ पर चल पड़ी है. विशेषज्ञों का कहना है कि बतुकम्मा उत्सव के दौरान वितरित की जाने वाली निःशुल्क साड़ियों के ऑर्डर समेत राज्य सरकार से लगातार मिल रहे सहयोग ने इस कहानी को बदलने में अहम भूमिका निभाई है.
हैदराबाद से लगभग 170 किलोमीटर दूर मनेरू नदी के तट पर स्थित सिरसिला बड़ी संख्या में विद्युत करघों, कपड़ा प्रसंस्करण और रंगाई इकाइयों की उपस्थिति के कारण कपड़ा शहर के रूप में लोकप्रिय है. सिरसिला के लोग काम या कारोबार की कमी के कारण अन्य स्थानों का रुख करने को मजबूर थे, लेकिन तेलंगाना के गठन एवं रामाराव के इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के बाद हालात बदल गए. कोंडुरु रवींद्र राव इस क्षेत्र में बीआरएस अभियान के प्रभारी हैं.
रवींद्र राव ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'अब हम देख रहे हैं कि लोग इस स्थान पर लौट रहे हैं. बुनकर समुदाय के पास प्रचुर काम है. अन्य राज्यों से भी श्रमिक आकर यहां काम कर रहे हैं. इसका पूरा श्रेय के टी रामाराव को जाता है. वह चार बार के विधायक हैं, जिन्होंने क्षेत्र की किस्मत बदल दी.' उन्होंने कहा कि नव स्थापित 'अपैरल पार्क सिरसिला' में क्षेत्र के लगभग 10,000 बीड़ी श्रमिकों को आजीविका प्रदान करने के प्रयास जारी हैं.
रामाराव 2009 में पहली बार यहां से विधायक चुने गए थे. उन्होंने पृथक तेलंगाना की मांग को लेकर 2010 में हुए आंदोलन के दौरान इस सीट से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, बाद में उन्होंने इस सीट पर हुए उपचुनाव में उसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल की. बीआरएस नेता 2014 और 2018 में सिलसिला से फिर से विधायक चुने गए. इस बार इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी से के के महेंद्र रेड्डी चुनाव मैदान में हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रानी रुद्रमा को अपना उम्मीदवार बनाया है.