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India Canada Relations : भारत के पक्ष में श्रीलंका, बोला- कनाडा आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह

एक समाचार एजेंसी के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह ट्रूडो की टिप्पणियों से 'आश्चर्यचकित नहीं' हैं क्योंकि यही उनकी रणनीति रही है. उन्होंने कहा कि कुछ आतंकवादियों को कनाडा में सुरक्षित ठिकाना मिल गया है. पढ़ें पूरी खबर...

India Canada Relations
श्रीलंकाई विदेश मंत्री अली साबरी

By ANI

Published : Sep 26, 2023, 8:36 AM IST

Updated : Sep 26, 2023, 10:40 AM IST

न्यूयॉर्क :भारत-कनाडा गतिरोध के बीच अब भारत को श्रीलंका का साथ मिल गया है. भारत और कनाडा के बीच जारी गतिरोध पर मंगलवार को श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि कनाडा आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है. उन्होंने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उत्तरी अमेरिकी देश जिसका नेतृत्व प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो करते हैं वहां आतंकवादी संरक्षण पा रहे हैं.

श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा कि कनाडाई प्रधानमंत्री के पास बिना किसी सबूत के कुछ अपमानजनक आरोप लगाना आतंकवादियों को सरक्षण प्रदान करने का एक तरीका है. उन्होंने कहा कि ट्रूडो श्रीलंका के बारे में भी अफवाह फैला चुके हैं.

श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रूडो ने श्रीलंका के बारे में भी झूठ फैलाया था कि श्रीलंका में नरसंहार हुआ था. जो कि एक भयानक झूठ था. हर कोई जानता है कि हमारे देश में कोई नरसंहार नहीं हुआ. कनाडा की संसद में एक पूर्व नाजी सैनिक को सम्मानित करने के लिए ट्रूडो पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि कल ही मैंने देखा कि उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजियों की ओर से लड़ने वाले किसी व्यक्ति का जोरदार स्वागत किया है. इसलिए, यह संदेहास्पद है और हम अतीत में इससे निपट चुके हैं. मुझे आश्चर्य नहीं है कि कभी-कभी पीएम ट्रूडो अपमानजनक और अप्रमाणित आरोपों के साथ सामने आते हैं.

22 सितंबर को, कनाडा की संसद में यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के भाषण के दौरान, 98 वर्षीय यूक्रेनी यारोस्लाव हुंका, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पहले यूक्रेनी डिवीजन, जिसे एसएस डिवीजन 'गैलिसिया' के रूप में भी जाना जाता था, में सेवा की थी, को कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में स्पीकर द्वारा सम्मानित किया गया था.

साबरी ने कनाडा और श्रीलंका के रिश्ते पर बोलते हुए कहा कि ट्रूडो की 'नरसंहार' टिप्पणी के कारण दोनों देशों के रिश्ते 'प्रभावित' हुए हैं. इससे वास्तव में हमारे रिश्ते पर असर पड़ा है. इस पर कनाडा के विदेश मंत्रालय की राय अलग है. वैश्विक मामलों के मंत्रालय ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि श्रीलंका में नरसंहार नहीं हुआ था, जबकि एक राजनेता के रूप में पीएम ट्रूडो खड़े होकर कहते हैं कि नरसंहार हुआ था. वह स्वयं एक दूसरे का विरोधाभासी है. इससे कोई मदद नहीं मिलती.

उन्होंने कनाडाई पीएम को एक संप्रभु देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि किसी भी देश को दूसरे देशों के मामले में हस्तक्षेप करते हुए यह बताना चाहिए शासन कैसे किया जाता है. उन्होंने कहा कि हम अपने देश को किसी और से ज्यादा प्यार करते हैं. इसीलिए तो हम अपने देश में हैं. हम उस बयान से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं. हिंद महासागर की पहचान बहुत महत्वपूर्ण है और हमें क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करने की जरूरत है.

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हमें अपने क्षेत्र का ख्याल रखना है. हमें साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. इसी तरह हम शांतिपूर्ण माहौल बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमें किसी और के द्वारा निर्देशित नहीं किया जाना चाहिए कि हमें अपने मामलों का संचालन कैसे करना चाहिए.

(एएनआई)

Last Updated : Sep 26, 2023, 10:40 AM IST

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