चंडीगढ़ : भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा की शनिवार को लाहौर के एक सैन्य अस्पताल में कथित तौर पर ड्रग ओवरडोज के कारण मौत हो गई. राज्य और केंद्रीय दोनों स्तरों पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी मौत की पुष्टि की है. रिंदा के बारे में कोई भी जानकारी देने पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 10 लाख रुपये का इनाम रखा था. ए प्लस लिस्टेड गैंगस्टर, ड्रग्स तस्कर और हथियार सप्लायर रिंदा पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहा था.
दूसरी ओर गैंगस्टर दविंदर भांबीहा ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि हरविंदर सिंह रिंदा को उसके गैंग के लोगों ने पाकिस्तान में गोली मारी है. हालांकि, राज्य पुलिस के सूत्रों ने दावा किया कि हरविंदर सिंह रिंदा किडनी फेल होने के कारण 15 दिनों तक लाहौर के एक अस्पताल में भर्ती रहा और वहीं उसकी मौत हो गई. रिंदा नशीले पदार्थों के तस्करों के अलावा आतंकियों और गैंगस्टरों के बीच कांटेक्ट का काम करता था.
वह गैंगस्टरों का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता था और राज्य के लगभग सभी गिरोहों के साथ उसके संबंध थे. वह इस साल मई में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हमले का कथित मास्टरमाइंड था. मूल रूप से महाराष्ट्र के नांदेड़ की रहने वाली रिंदा ने पाकिस्तान में हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी के मारे जाने के बाद पाकिस्तान में गैंग की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी. सूत्रों का दावा है कि रिंदा ने पाकिस्तान में वाधवा सिंह गैंग के साथ ठकराव शुरू हो गये थे.
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उन्हें कथित तौर पर 14 नवंबर को लाहौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उनकी हालत बिगड़ने के बाद सैन्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था. उसके अपराध प्रोफाइल के अनुसार, रिंदा की उम्र लगभग 35 वर्ष थी और वह कई साल पहले तरनतारन जिले के सरहाली गांव नांदेड़ से आया था. वह महाराष्ट्र, चंडीगढ़, हरियाणा, पश्चिम बंगाल आदि के पुलिस बलों द्वारा बड़े पैमाने पर ड्रग्स/हथियारों की तस्करी के अलावा कई मामलों में शामिल और वांछित था.