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आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को मिलकर लड़ने की जरूरत : एक्सपर्ट

नए साल में भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद विरोधी समिति की अध्यक्षता करने के लिए तैयार है. आतंकवाद के मुद्दे पर पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा (Achal Malhotra) ​​​​का कहना है कि इस खतरे से लड़ाई में सभी देशों का सहयोग मिलने की जरूरत है. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी से इस मुद्दे पर जानिए उन्होंने और क्या कहा.

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Published : Dec 31, 2021, 9:15 PM IST

Achal Malhotra  (Photo: ETV Bharat)
पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा (फोटो-ईटीवी भारत)

नई दिल्ली : भारत 1 जनवरी 2022 से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक वर्ष के लिए आतंकवाद विरोधी समिति की अध्यक्षता करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा (Achal Malhotra) ​​​​ने कहा, 'भारत की सुरक्षा और रक्षा नीति में आतंकवाद का मुकाबला प्रमुख बिंदु बन गया है. हमने यथासंभव अधिक से अधिक देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया है.

उन्होंने कहा कि आतंकवाद को समग्र रूप से पूरी दुनिया में सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक के रूप में देखा जाना चाहिए और इस खतरे का मुकाबला करने के लिए सहयोग करने की आवश्यकता है.

यदि आतंकवादियों का समूह किसी विशेष देश को निशाना नहीं बना रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा नहीं पैदा करते हैं. आतंकवाद निरोध पर UNSC समिति की अध्यक्षता 10 वर्षों के बाद भारत करेगा. पिछली बार 2012 में देश ने इसकी अध्यक्षता की थी.
यह वास्तव में ध्यान देने योग्य है कि समिति भारत के लिए अत्यधिक महत्व रखती है क्योंकि देश वैश्विक मंच पर आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए प्रभावी उपाय करने में मुखर और दृढ़ रहा है.

उन्होंने ईटीवी भारत को बताया, 'जहां तक ​​भारत का सवाल है, वैश्विक आतंकवाद पर हमारे विचार और सभी देशों द्वारा मिलकर प्रयास करके वैश्विक स्तर पर इसका मुकाबला करने की आवश्यकता बहुत अच्छी तरह से जानी जाती है.'

'कोई देश आतंकवाद से अकेले नहीं निपट सकता'

उन्होंने रेखांकित किया कि आतंकवाद एक ऐसा मुद्दा है जिससे कोई भी देश अकेले नहीं निपट सकता. भारत इस समस्या को उजागर करने में अग्रणी रहा है. यह न केवल आतंकवाद से लड़ने के इरादे की अभिव्यक्ति है, बल्कि उन आधारों पर सहयोग की आवश्यकता है जिनमें वास्तविक समय में खुफिया जानकारी साझा करने या संयुक्त अभियान की आवश्यकता होती है.

उन्होंने कहा कि देश कई वर्षों से सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित है. यही वजह है कि भारत ने किसी भी रूप में और किसी भी तरह से आतंकवाद से लड़ने की आवश्यकता की वकालत करने के लिए लगभग हर संभव मंच का इस्तेमाल किया है. आतंकवाद के कुछ पहलुओं पर भारत बहुत स्पष्ट है कि आतंकवाद में कोई भी अंतर नहीं कर सकता है. कुछ को अच्छा या कुछ को बुरा नहीं बता सकता है.

भारत ने जताई प्रतिबद्धता
इस बीच समिति की अध्यक्षता करने से पहले, भारत ने गुरुवार को आतंकवाद विरोधी समिति के कार्यकारी निदेशालय के जनादेश को नवीनीकृत करने के लिए एक प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. सभी राष्ट्रों को अपनी प्रेरणा के आधार पर आतंकवादी कृत्यों को लेबल करने की प्रवृत्ति के खिलाफ एकजुट रहने का आह्वान किया.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC ) ने अपनी लिखित मौन प्रक्रिया के जरिए आतंकवाद रोधी समिति के कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) के जनादेश को 31 दिसंबर 2025 तक लागू कर दिया है. इसकी अंतरिम समीक्षा दिसंबर 2023 में की जाएगी.

पढ़ें- भारत ने आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ एकजुट रहने के जनादेश की पुन: पुष्टि के पक्ष में दिया वोट

वोट के बारे में भारत ने कहा कि वह आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस के लक्ष्य (zero tolerance for terrorism) की दिशा में अन्य सदस्यों के सहयोग से सभी आवश्यक उपायों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत ने कहा, 2022 के लिए सीटीसी के अध्यक्ष के तौर पर भारत, आतंकवाद के विरोध में बहुपक्षीय प्रतिक्रिया को मजबूत करने में सीटीसी की भूमिका बढ़ाने के लिए निर्धारित प्रयास करेगा और सबसे महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करेगा कि आतंकवाद के खतरे पर वैश्विक प्रतिक्रिया स्पष्ट, अविभाजित और प्रभावी रहे.

उसने कहा, हम किसी को भी, कहीं पर भी, आतंकवादी कृत्यों को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराने दे सकते. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हमारे साझा एजेंडे के केंद्र में होना चाहिए.

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