प्रयागराज: बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के नाम से प्रयागराज में उसके गुनाहों के खिलाफ भी कोई आवाज नहीं उठाता था. मंगलवार को माफिया के उस आतंक का भी अंत हो गया, जिस माफिया से लोग नजरें मिलाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे. उसी शहर के अंदर भरी कचहरी में उसके खिलाफ नारेबाजी करती हुई वकीलों की भीड़ ने उसे गालियां भी दी. जिसके नाम से लोग डरते और कांपते थे. उसे मारने के लिए वकीलों की भीड़ आगे बढ़ रही रही थी. वकीलों की भीड़ से माफिया को बचाने के लिए पुलिस और वकीलों के बीच काफी धक्कामुक्की भी हुई. हालांकि, उससे पहले पाल समाज से जुड़े अधिवक्ता बाहुबली को जूतों की माला पहनाने के लिए एमपी एमएलए कोर्ट में जाना चाहते थे. जिन्हें पुलिस और पीएसी के जवानों ने रोक लिया.
पुराने अंदाज में कोर्ट पहुंचा था बाहुबली:नैनी सेंट्रल जेल से मंगलवार दोपहर माफिया अतीक अहमद को जनपद न्यायालय के स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ले आया गया था. यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस वैन से अतीक को सीधे कोर्ट परिसर में बाहर निकाला गया. जहां माफिया अपने पुराने अंदाज में कैप पहनकर गाड़ी से बाहर निकल कर आगे बढ़ा. इस दौरान अतीक अहमद पुराने अंदाज में हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करता रहा. इसके बाद पुलिस वाले उसको लेकर सीधे कोर्ट रूम के अंदर जाने लगे. जहां पर पहले से मौजूद अधिवक्ता उसका लगातार विरोध कर रहे थे.
वकीलों का विरोध देख डरा माफिया:अतीक अहमद के प्रयागराज नैनी सेंट्रल जेल और जनपद न्यायालय कोई नई जगह नहीं थी. जेल से लेकर कोर्ट तक माफिया की जी हुजूरी करने वालों की पहले भीड़ लगी रहती थी. लेकिन, उसी कोर्ट रूम में जाने के दौरान वकीलों की भीड़ न सिर्फ अतीक अहमद को गालियां दे रही थी, बल्कि उसके ऊपर हमला करने पर भी भीड़ तुली हुई थी. उमेश पाल भी वकील थे. जिस वजह से उसकी हत्या के बाद से कचहरी के वकीलों में अतीक व अशरफ के खिलाफ काफी आक्रोश भरा हुआ था.
कोर्ट परिसर में ही दी गईं अतीक को गालियां:इस दौरान कोर्ट परिसर में पहली मंजिल पर जाते समय सीढ़ी के पास बड़ी संख्या में वकीलों की भीड़ जुटी हुई थी. उमेश पाल की हत्या से आक्रोशित वकीलों ने अतीक अहमद को आता देख उसके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान भीड़ में मौजूद लोगों ने माफिया को उसके मुंह पर गालियां दीं. इसके साथ ही उसे फांसी दिए जाने की मांग भी करने लगे. वकीलों की भीड़ को उग्र देखते हुए माफिया अतीक अहमद सहम गया था. माफिया को इस बात का यकीन नहीं हो पा रहा था कि जिस शहर में 4 दशक तक उसका राज चला हो. उसी शहर में उससे डरने वाले लोग आज उसके सामने खड़े होकर गाली दे रहे हैं.