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मणिपुर में प्रादेशिक सेना ने हिंसा प्रभावित ऊर्जा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा संभाली - मणिपुर ऊर्जा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा

मणिपुर में प्रादेशिक सेना ने हिंसा से प्रभावित ऊर्जा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की कमान अपने हाथ में ले ली है. राज्य में हिंसा और अन्य कारणों से ऊर्जा प्रतिष्ठान बंद हो गए थे.

Territorial army took charges of energy security for violence hit  Manipur
प्रादेशिक सेना ने हिंसा प्रभावित मणिपुर के लिए ऊर्जा सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली

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Published : May 22, 2023, 1:37 PM IST

Updated : May 22, 2023, 2:13 PM IST

तेजपुर: देश की प्रादेशिक सेना ने मणिपुर में हिंसा से प्रभावित ऊर्जा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की कमान अपने हाथ में ले ली है. रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि मणिपुर में संकट के चलते तेल विपणन कंपनियों के कर्मचारी सुरक्षा बाधाओं के कारण प्रतिष्ठानों तक नहीं पहुंच पाए या उन्हें जातीय हिंसा के कारण खाली करना पड़ा.

रावत ने कहा कि मणिपुर में संकट के चलते तेल विपणन कंपनियों के अनुबंध कर्मचारी सुरक्षा बाधाओं के कारण प्रतिष्ठानों तक नहीं पहुंच पाए या उन्हें जातीय हिंसा के कारण खाली करना पड़ा. इसलिए प्रतिष्ठान या तो कर्मचारियों की अनुपलब्धता के कारण बंद थे या कर्मचारियों की कमी के कारण पूरी तरह से चालू नहीं थे. ऐसे में इम्फाल एविएशन फ्यूलिंग स्टेशन, मालोम बल्क ऑयल डिपो और सेकमई एलपीजी बॉटलिंग प्लांट को चालू करने के लिए प्रादेशिक सेना को तैनात किए जाने की जरूरत थी.

बटालियन को उन तेल प्रतिष्ठानों पर नियंत्रण रखने का काम सौंपा गया जो परिचालन में नहीं थे और जहां कर्मचारियों की कमी थी जिससे आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके. साथ ही विमानों में ईंधन भरने का काम सौंपा गया. बटालियन आदेश दिए जाने के 48 घंटों के भीतर इंफाल पहुंच गई और 12 घंटों में कड़ी मेंहनत कर मालोम डिपो को पूरी तरह से चालू कर दिया. उन्होंने कहा कि अब, डिपो उसी स्तर पर काम कर रहा है जैसा कि पहले के दिनों में था. इस शानदार प्रदर्शन को देखते हुए, प्रारंभिक कार्य का विस्तार किया गया और प्रादेशिक सेना बटालियन को इम्फाल से 26 किमी दूर सेकमई एलपीजी बॉटलिंग प्लांट के संचालन में सहायता करने का काम सौंपा गया.

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414 आर्मी सर्विस कॉर्प्स बटालियन मार्केटिंग (प्रादेशिक सेना) 1983 में भारत सरकार द्वारा आंतरिक और बाहरी दोनों आपात स्थितियों से निपटने के लिए बनाई गई बटालियनों में से एक है. बटालियन मार्केटिंग डिवीजन से संबद्ध है और इसमें इंडियन ऑयल के 100 से अधिक कर्मचारी हैं. इन कर्मचारियों को सेना और इंडियन ऑयल द्वारा स्वतंत्र रूप से किसी भी तेल स्थापना (पीओएल/एलपीजी/विमानन) को संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. उन्हें समय-समय पर देश भर में विभिन्न तेल प्रतिष्ठानों के संचालन की बारीकियों से भी अवगत कराया जाता है.

Last Updated : May 22, 2023, 2:13 PM IST

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