अलवर:प्रदेश में सांप्रदायिक माहौल खराब हो रहा है. करौली की घटना के बाद अलवर में अतिक्रमण के नाम पर 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ा गया. मूर्तियों को खंडित किया गया. इस घटना के चलते (Alwar Temple Demolition Case) अलवर पूरे देश में बदनाम हुआ. सरकार पर गंभीर आरोप लग रहे हैं तो भाजपा सरकार को घेरने में लगी है. बुधवार को अलवर में सर्व समाज ने जुलूस निकाल कर अलवर कलेक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन कर हंगामा किया. इस दौरान सर्व समाज के नेता व साधु-संतों ने सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए.
अलवर के शहीद स्मारक पर सर्व समाज के साधु-संतों की बैठक हुई. विरोध-प्रदर्शन करते हुए सैकड़ों की संख्या में लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे. कलेक्ट्रेट के गेट पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई व भारी पुलिस बल तैनात किया गया. इस दौरान भाजपा के नेताओं व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई. लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़कर कलेक्ट्रेट में घुसने का प्रयास किया तो वहीं पुलिस बल उनको रोकने में लगा रहा. इस दौरान डिप्टी एसपी, एडिशनल एसपी सहित तमाम पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे. हिंदू संगठनों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. वहीं, मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने व हिंदू आस्था के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकने की मांग की गई.
अलवर सांसद बाबा बालक नाथ ने कहा कि जिस तरह से समाज विशेष में फतवे जारी होते हैं. उसी तरह से प्रदेश सरकार और सरकार के सरकारी विभाग फतवे जारी कर रहे हैं. रमजान के दौरान जोधपुर में बिजली कटौती नहीं करने का फतवा जारी किया गया. सरकारी पैसे से मुख्यमंत्री आवास पर रोजा इफ्तार पार्टी दी गई. करौली में सांप्रदायिक हिंसा हुई. हिंदू संगठनों व समाज के लोगों को सार्वजनिक कार्य करने पर रोक लगाई गई. घरों में झंडे लगाने पर रोक लगाई गई.