दिल्ली

delhi

Supreme Court News: राज्यपाल के पास लंबित बिलों को लेकर तेलंगाना राज्य सरकार ने लगाई उच्चतम न्यायालय से गुहार

By

Published : Mar 2, 2023, 8:06 PM IST

Updated : Mar 2, 2023, 10:58 PM IST

तेलंगाना राज्य में हो रहे राजभवन और प्रगति भवन के बीच का विवाद अब देश की सर्वोच्च न्यायालय के पास पहुंच चुका है. राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूरी ने देने को लेकर राज्य सरकार ने अब सुर्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. बता दें कि राज्य में 7 सितंबर से लंबित हैं और 3 बिल पिछले माह से लंबित हैं.

Supreme Court
उच्चतम न्यायालय

हैदराबाद: राजभवन और प्रगति भवन का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि राज्यपाल विधेयकों को मंजूरी न देकर उनमें देरी कर रहे हैं. सरकार के मुख्य सचिव ने राज्य सरकार की ओर से याचिका दायर की और राज्यपाल के सचिव और केंद्रीय कानून विभाग के सचिव को प्रतिवादी के रूप में शामिल किया गया. याचिका में कहा गया है कि राज्यपाल ने सभी दस विधेयकों को बिना मंजूरी के लंबित रखा है.

उन्होंने अदालत को समझाया कि 7 बिल सितंबर से लंबित हैं और 3 बिल पिछले महीने से लंबित हैं. याचिका में मांग की गई है कि संवैधानिक रूप से चुनी गई, सरकार तत्काल राज्यपाल को निर्देश दे कि दोनों सदनों में पारित विधेयकों को लंबित रखना न्यायोचित नहीं है. लंबित बिलों की बात करें तो इनमें ये 10 बिल शामिल हैं.

1. तेलंगाना विश्वविद्यालय संयुक्त नियुक्ति बोर्ड विधेयक

2. मुलुगु में फॉरेस्ट्री कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट को फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी में बदलने का बिल

3. आजमाबाद औद्योगिक क्षेत्र अधिनियम संशोधन विधेयक

4. नगरपालिका विनियम अधिनियम संशोधन विधेयक

5. लोक रोजगार अधिनियम में संशोधन

6. निजी विश्वविद्यालय अधिनियम संशोधन विधेयक

7. मोटर वाहन कर अधिनियम संशोधन विधेयक

8. नगर अधिनियम संशोधन विधेयक

9. पंचायतीराज अधिनियम संशोधन विधेयक

10. कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम संशोधन विधेयक

यह है विवाद

पिछले साल सितंबर में हुए विधानसभा सत्र में राज्य सरकार 8 बिल लेकर आई थी. उनमें से, राज्य में विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों के लिए एक संयुक्त बोर्ड की स्थापना करना, सिद्दीपेट जिले के मुलुगु में वन महाविद्यालय और अनुसंधान संस्थान को तेलंगाना वन विश्वविद्यालय में परिवर्तित करना, राज्य में कुछ और निजी विश्वविद्यालयों को अनुमति देने के लिए निजी विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन, जीएचएमसी अधिनियम, नगरपालिका अधिनियम, आजमाबाद औद्योगिक क्षेत्र अधिनियम संशोधन, सार्वजनिक रोजगार अधिनियम संशोधन और जीएसटी अधिनियम संशोधन विधेयकों को दोनों सदनों ने 13 सितंबर को मंजूरी दी थी और राज्यपाल की सहमति के लिए राजभवन पहुंचे थे.

पढ़ें:SC On Selecting Election Commissioners : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 'सीबीआई निदेशक की तर्ज पर हो चुनाव आयुक्त की नियुक्ति'

इनमें से राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने जीएसटी अधिनियम संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी. बाकी 7 बिल पिछले 6 महीने से राजभवन में लंबित हैं. इनके अलावा पिछले महीने हुई विधानसभा में 3 और नए विधेयकों को दोनों सदनों ने मंजूरी दी थी. वे फिलहाल राजभवन में राज्यपाल की मंजूरी की मुहर का इंतजार कर रहे हैं. इसी क्रम में राज्य सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

Last Updated : Mar 2, 2023, 10:58 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details