हैदराबाद :हाईकोर्ट ने कहा कि वायरस फैलने पर अंकुश लगाने के लिए रात में कर्फ्यू लगाते हुए चुनाव कराने के सरकार के दोहरे रुख पर आश्चर्य होता है. कोर्ट ने एसईसी से सुरक्षा और सावधानी सुनिश्चित करने को कहा है. दो न्यायाधीशों वाले पैनल में मुख्य न्यायाधीश हेमा कोहली और न्यायमूर्ति विजयसेन रेड्डी शामिल थे.
जिन्होंने कोविड-19 संकट पर याचिकाओं पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि चुनाव का आयोजन जनता के लिए किया जा रहा है जबकि देश महामारी से जूझ रहा है. अदालत ने जानना चाहा कि क्या चुनाव लोगों के जीवन से ज्यादा मायने रखते हैं. पीठ ने टिप्पणी की है कि एसईसी ने संवैधानिक निकाय के रूप में अपनी भूमिका के अनुसार काम नहीं किया है और यह जमीनी वास्तविकताओं पर विचार करने में विफल रहा है.
एसईसी ने दिसंबर में प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन संक्रमण में भारी वृद्धि के बाद भी फरवरी में स्थिति की समीक्षा नहीं की गई. हालांकि सिद्दीपेट और अचम्पेट नगरपालिकाओं के चुनाव के लिए पर्याप्त समय था. लेकिन इस बीच निकाय चुनाव के फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया गया. अदालत ने याद दिलाया कि जीएचएमसी मेयर पद डेढ़ साल से खाली पड़ा है. कोर्ट ने राज्य भर में बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की.
एसईसी सचिव अशोक कुमार ने अदालत के आदेशों के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में भाग लिया. उन्होंने अदालत को बताया कि 2,557 पुलिसकर्मी और 7,695 कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में भाग लेंगे. हाईकोर्ट ने SEC को मतदान कर्मचारियों को असहाय स्थिति में डालने के लिए जिम्मेदार ठहराया. कई पुलिस अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों ने अभी तक वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं ली है.