हैदराबाद : तेलंगाना की पर्वतारोही अन्विता रेड्डी ने अपनी सफलता के मार्ग में एक मत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है. माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर अन्विता ने एक और चोटी को फतह कर लिया है. यदाद्री जिले के भोंगीर शहर की 24 वर्षीय पर्वतारोही भोंगिर के रॉक क्लाइंबिंग स्कूल में प्रशिक्षक है. ट्रांसेंड एडवेंचर्स, हैदराबाद द्वारा आयोजित हिमालय के चढ़ाई के दौरान अंतरराष्ट्रीय माउंट एवरेस्ट अभियान दल का अन्विता हिस्सा बनीं और अप्रैल में हैदराबाद से अपनी यात्रा शुरू की थी. इससे पहले उसने रूस स्थित माउंट एल्ब्रस की चोटी पर तिरंगा फहराया था, जो समुद्र तल से 18,000 फीट की ऊंचाई पर है. हवा को जमाने वाली कड़ी सर्दी के बावजूद अन्विता ने वहां अपना पैर जमा ही दिया. हालांकि, उन्हें खबर थी कि इस चोटी पर चढ़ाई के दौरान पहले ही पांच पर्वतारोहियों की मौत हो चुकी थी.
अन्विता रेड्डी यादाद्री जिले के भोंगीर की रहने वाली हैं. उनकी मां चंद्रकला आंगनवाड़ी शिक्षिका हैं. उसके पिता एक किसान हैं. बचपन में स्कूल के पास लोगों को किले की चढ़ाई करते वह देखा करती थी. जब वह इंटरमीडिएट पर पहुंची तब उसने अखबार में रॉक क्लाइम्बिंग ट्रेनिंग के बारे में एक विज्ञापन देखा. उसने अपने माता-पिता को इस प्रशिक्षण के लिए मनाया और पांच दिवसीय पाठ्यक्रम में शामिल हो गईं. अन्विता के उत्साह और त्वरित सोच को देखकर, कोच ने उसके माता-पिता को एक उन्नत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में जाने की सलाह दी. पांच दिवसीय प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, अन्विता ने सिक्किम के बीसी रॉय माउंटेन में 40 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया.