हैदराबाद:किसी भी किसान के लिए उसकी कृषि भूमि मात्र जमीन का एक टुकड़ा नहीं बल्कि उसका अभिमान होती है. लेकिन जब उसकी जमीन की नीलामी की नौबत आ जाए तो यह किसान के लिए असहनीय होता है. तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के कनसानीपल्ली गांव में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां किसान द्वारा लोन न अदा किए जाने पर बैंक ने गांव की पंचायत के बाहर उसकी जमीन की नीलामी का बैनर लगवा दिया, जिससे आहत होकर किसान ने अपने परिवार के साथ गांव ही छोड़ दिया.
दरअसल कनसानीपल्ली गांव के रहने वाले शंकर रेड्डी के पास 3.31 एकड़ कृषि भूमि है. शंकर ने 2012-13 में जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से खेती के लिए 60 हजार रुपये का कर्ज लिया था लेकिन अच्छी पैदावार न होने के कारण वह कर्ज का भुगतान नहीं कर पाया. दो साल पहले उसने बैंक के दबाव के चलते 40 हजार रुपये का भुगतान किया, जिसके बाद उसने सोचा कि सरकार उसका कर्ज माफ कर देगी जिसने एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी.