हैदराबाद :तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (CM Telangana KCR) रविवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे. केसीआर ने कहा कि विरोध के रूप में कल दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक का हिस्सा नहीं बनेंगे.
केसीआर ने इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखा है. पीएम को लिखे पत्र में केसीआर ने राज्यों को 'लोगों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए उनकी जरूरतों और शर्तों के आधार पर योजनाओं को डिजाइन और संशोधित करने का लचीलापन' नहीं दिए जाने के लिए केंद्र के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है.
वहीं, नीति आयोग ने केसीआर के बयान का जवाब दिया. नीति आयोग ने कहा कि 'राज्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए पिछले साल, सीएम के साथ 30 से अधिक बैठकें हुईं. प्रतिनिधिमंडल ने पिछले साल हैदराबाद में तेलंगाना के सीएम से भी मुलाकात की. हाल ही में एक बैठक के अनुरोध के बावजूद सीएम ने कोई जवाब नहीं दिया.'
नीति आयोग के मुताबिक पिछले 4 वर्षों में भारत सरकार ने तेलंगाना राज्य के लिए जल जीवन मिशन के तहत 3982 करोड़ रुपये आवंटित किए. लेकिन राज्य ने केवल 200 करोड़ रुपये निकालने का फैसला किया. इसके अलावा, 2014-2015 से 2021-2022 के दौरान PMKSY-AIBP-CADWM के तहत तेलंगाना को 1195 करोड़ रुपये जारी किए गए.'
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि तेलंगाना CM के. चंद्रशेखर राव ने घोषणा की है कि वो नीति आयोग की बैठक में मौजूद नहीं रहेंगे. यह दुर्भाग्यपूर्ण है वो अपनी राजनीतिक सोच इससे उजागर करते हैं. विकास के कामों में उनकी कोई रुचि नहीं रही. वे समझते है कि वे बहुत बड़े हो गए हैं.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (7 अगस्त) को नीति आयोग की शासी (संचालन) परिषद की सातवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे. यह बैठक नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में होगी. बैठक के एजेंडे में अन्य बातों के साथ-साथ फसलों के विविधीकरण और तिलहन व दालों तथा कृषि-समुदायों के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करना; राष्ट्रीय शिक्षा नीति-स्कूली शिक्षा का कार्यान्वयन; राष्ट्रीय शिक्षा नीति-उच्च शिक्षा का कार्यान्वयन; और शहरी प्रशासन शामिल है.
नीति आयोग का शासी परिषद (गवर्निंग काउंसिल) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों के बारे में साझा दृष्टिकोण विकसित करने वाली प्रमुख संस्था है.
यह शासी परिषद अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच प्रदान करता है. इसमें भारत के प्रधानमंत्री; सभी राज्यों एवं विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री; अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल; पदेन सदस्य; नीति आयोग के उपाध्यक्ष; नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य; और विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रीगण शामिल होते हैं. यह केंद्र और राज्यों के बीच विचार-विमर्श का सबसे महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है और संपूर्ण सरकार के ²ष्टिकोण के साथ संगठित कार्रवाई के लिए प्रमुख रणनीतियों की पहचान करता है.
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