नयी दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को पाम तेल की खेती को बढ़ावा देने के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि पाम तेल उत्पादन में यह दक्षिणी राज्य अगुवा भूमिका निभा सकता है.
तेलंगाना ने पाम तेल की खेती के लिए 26 जिलों को अधिसूचित किया है और वर्ष 2022-23 के लिए पांच लाख हेक्टेयर वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है. प्रदेश में इस समय करीब 11 तेल प्रसंस्करणकर्ता काम कर रहे हैं.
हाल में केंद्र सरकार घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात निर्भरता में कमी लाने के लिए खाद्य तेल-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी) पर राष्ट्रीय मिशन लेकर आई है.
केंद्र प्रायोजित योजना एनएमईओ-ओपी को बढ़ावा देने के लिए हैदराबाद में एक व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए तोमर ने ‘‘सभी राज्य सरकारों को आश्वासन दिया कि इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी.’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में लगभग तीन लाख हेक्टेयर भूमि पर पाम तेल की खेती होती है, जबकि अध्ययनों से पता चला है कि देश में लगभग 28 लाख हेक्टेयर भूमि पाम तेल की खेती के लिए उपयुक्त है.
उन्होंने कहा, 'भारत को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 28 लाख हेक्टेयर भूमि को खेती के तहत लाना हमारा मिशन है.' पाम तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए तोमर ने कहा कि वह 'तेलंगाना को पाम तेल उत्पादन में अगुवाई करने वाले राज्य के रूप में देखते हैं.' इस अवसर पर तेलंगाना के कृषि मंत्री एस निरंजन रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार ने पाम तेल के विस्तार के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है, जबकि केरल के कृषि मंत्री पी प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार, प्रदेश में पाम तेल को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रही है.
मंत्री ने यह भी कहा कि मिशन से सब्सिडी के साथ पूर्वोत्तर राज्यों में चार प्रसंस्करण मिलें स्थापित की जाएंगी. साथ ही अंकुरित बीज एवं पौध की उपलब्धता बढ़ाने के लिए तीन बीज उद्यान एवं 39 नर्सरी का निर्माण किया जायेगा. तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने उम्मीद जताई कि प्रदेश 3-4 वर्षों में देश में सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक क्षेत्र के रूप में उभरेगा.
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