हैदराबाद : तेलंगाना में 10वीं कक्षा की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में दो दिन पहले गिरफ्तार किए गए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और करीमनगर के सांसद बंदी संजय कुमार शुक्रवार को जेल से रिहा हो गए. करीमनगर जिला जेल से बाहर आने के बाद, उन्होंने केसीआर सरकार पर जमकर निशाना साधा और तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) परीक्षा के पेपर लीक और उन पर लगे आरोपों की जांच किसी सेवारत न्यायाधीश से कराने की मांग की. संजय ने आरोप लगाया कि 10वीं कक्षा के हिंदी पेपर लीक मामले में उन पर लगाए गए आरोपों का उद्देश्य टीएसपीएससी पेपर लीक मामले से लोगों का ध्यान भटकाना है.
भाजपा सांसद ने कहा कि टीएसपीएससी पेपर लीक मामले से ध्यान भटकाने के लिए केसीआर सरकार चाहे कितनी भी साजिश कर ले, वह इस मामले को छोड़ेंगे नहीं. हनमकोंडा की एक अदालत ने जमानत याचिका पर मैराथन सुनवाई के बाद गुरुवार रात को संजय को जमानत दे दी. जमानत की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शुक्रवार सुबह उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया. इस दौरान करीमनगर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे. पुलिस ने शहर में धारा 144 लागू कर शाम छह बजे तक दुकानें बंद रखने का आदेश दिया.
संजय ने रिहाई के बाद कहा, चूंकि हम टीएसपीएससी पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री केसीआर के बेटे और मंत्री केटीआर के इस्तीफे की मांग कर रहे थे, इसलिए ध्यान भटकाने के लिए मेरे खिलाफ झूठा केस बनाया गया. संजय ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके सांसद होने के बावजूद उनके साथ बुरा बर्ताव किया. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ पुलिस अधिकारी सत्तारूढ़ पार्टी के हितों की रक्षा लिए काम कर रहे हैं.
भाजपा नेता ने उनके साथ प्रश्नपत्र साझा करने वाले व्यक्ति के साथ किसी तरह के संबंध से इनकार किया. उन्होंने पुलिस से यह स्पष्ट करने को कहा कि परीक्षा केंद्र में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति कैसे दी गई और प्रश्न पत्र की फोटो कैसे ली गई. संजय ने वारंगल के पुलिस आयुक्त रंगनाथ की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें यह पता नहीं है कि लीक होने और कॉपी करने में क्या अंतर है. करीमनगर सांसद को भारी राजनीतिक ड्रामे के बीच मंगलवार रात करीमनगर में उनके ससुराल से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद भाजपा ने गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया.