करीमनगर: 10वीं के हिंदी प्रश्नपत्र लीक मामले में मुख्य आरोपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद बंदी संजय को करीमनगर जेल से रिहा कर दिया गया है. गुरुवार रात जमानत मिलने के बाद जेल प्रशासन ने उन्हें शुक्रवार सुबह रिहा कर दिया. संजय की रिहाई के मद्देनजर करीमनगर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. शहर में धारा 144 लगा दी गई है. वहीं, करीमनगर जिला जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद बंदी संजय ने मंदिर में पूजा-अर्चना की.
बता दें कि संजय की जमानत याचिका पर गुरुवार को दिनभर सस्पेंस बना रहा. हनुमकोंडा जिला प्रमुख मुंसिफ मजिस्ट्रेट रापोलू अनीता ने बंदी संजय के वकीलों द्वारा दायर जमानत अर्जी पर लंबी सुनवाई की. बाद में रात 10 बजे जमानत देने का आदेश दिया. 20 हजार रुपए की निजी मुचलके पर जमानत दी गई. साथ ही कई शर्तें भी लगाई गई हैं. उन्हें आदेश दिया गया था कि वह बगैर इजाजत देश के बाहर न जाएं. गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश ना करें. साथ ही इस मामले की जांच में सहयोग करें.
बता दें कि तेलंगाना भाजपा प्रमुख बंदी संजय को अदालत से जमानत मिल गई थी. हिंदी एसएससी पेपर लीक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. संजय को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था. जानकारी के अनुसार बंदी संजय को गुरुवार को एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने जमानत दी. उनके वकील श्याम सुंदर रेड्डी ने इसकी जानकारी दी.
वकील के अनुसार अदालत ने बंदी संजय को 20,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी है. इससे पहले बुधवार को एसएससी पेपर लीक मामले में बंदी संजय सहित तीन अन्य को 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. बंदी संजय के वकील करुणा सागर ने कहा, 'बंदी संजय और 3 अन्य को 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था और उन्हें करीमनगर जेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा था, 'हम सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए जांच अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करेंगे. हम कल उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देने की योजना बना रहे हैं.'