हैदराबाद : तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले, राजनीतिक दलों के 'वॉर रूम' अब उनके लिए एक प्रकार के शोध और विकास केंद्र में तब्दील हो गए हैं. गौरतलब है कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने 119 चुनाव क्षेत्रों में एक-एक केंद्रीय वॉर रूप स्थापिता किया. वहीं, कांग्रेस ने राजधानी स्थित गांधी भवन में एक वॉर रूम खोला है. इसके अलावा प्रत्येक दो निर्वाचन क्षेत्र के लिए पार्टी का एक डेस्क बना है, जो मतदाताओं से फीडबैक लेता है. इस तरह के वॉर रूम की स्थापना का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी दलों को टार्गेट करना और चुनावों में बढ़त हासिल करना है.
बीआरएस वॉर रूम : बीआरएस ने हैदराबाद के तेलंगाना भवन में केंद्रीय वॉर रूम के अलावा राज्य के अलग-अलग चुनाव क्षेत्र में 119 वॉर रूम खोले हैं. वॉर रूम में राजनीतिक और मीडिया प्रतिनिधियों को नियुक्त किया गया है. इन वॉर रूम में केसीआर के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार द्वारा किए गए विकासात्मक कार्यों के बारे में मतदाताओं को बताया जाता है. इतना ही नहीं, आचार संहिता के बीच पार्टी के उम्मीदवारों को नियमों का पालन करने के लिए सचेत भी किया जाता है. इस कार्य के लिए पार्टी ने संकट प्रबंधन कमेटी का गठन किया है. सूत्रों का कहना है कि बीआरएस वॉर रूम ने अपने पूरे राज्यों के मतदाताओं को तीन श्रेणियों में बांट दिया है. 'ए' श्रेणी में वे लोग हैं, जो बीआरएस के समर्थक हैं. वे मतदाता, जो अब तक फैसला नहीं कर पाये कि किसे वोट देना है, उन्हें 'बी' श्रेणी में रखा गया है. वहीं, कुछ ऐसे मतदाता हैं, जो निष्पक्ष हैं, उन्हें तीसरी श्रेणी में रखा गया है और उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ही बीआरएस का वॉर रूम है, जहां विशेष कमेटियां गठित की गई हैं.