नई दिल्ली : महिलाओं और बच्चों सहित गवाहों तथा पीड़ितों को उन परिस्थितियों में साक्ष्य रिकॉर्ड करने की सुविधा देने के लिए मोबाइल अदालत की व्यवस्था शुरू की गई है. जिसमें वे व्यक्तिगत रूप से अदालतों के समक्ष पेश होने में असमर्थ होते हैं.
इसका उद्देश्य जरूरत के अनुसार महिलाओं और बाल पीड़ितों या गवाहों, चिकित्सकों और चिकित्सा पेशेवरों तथा जांच अधिकारियों के साक्ष्य की रिकॉर्डिंग की अनुमति देना है. मोबाइल अदालत इकाई की सुविधा अधीनस्थ न्यायालयों के लिए है.
न्याय विभाग के अनुसार इन इकाइयों में सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप, एक प्रिंटर, एलईडी टीवी, वेब कैमरा, इन्वर्टर, स्कैनर, यूपीएस, एक अतिरिक्त मॉनिटर और स्पीकर लगे हैं, जो पीड़ित या गवाह से मौके पर जाकर मिल सकते हैं.
उत्तराखंड में जिला अदालत चमोली की वेबसाइट पर उपलब्ध ब्योरों के मुताबिक, गवाह या किसी आरोपी सहित अन्य व्यक्ति जो अदालत की कार्यवाही में शामिल हो, ऐसी परिस्थितियों में जहां ऐसे गवाह या व्यक्ति की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए एक स्पष्ट या निहित खतरा है. या ऐसे गवाह/व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना असंभव, अत्यंत कठिन, महंगा, असुविधाजनक या अन्यथा वांछनीय नहीं है, वह चल अदालत सुविधा का इस्तेमाल करने का पात्र होगा.