हैदराबाद : तेलंगाना सरकार ने राज्य में केंद्रीय जांच ब्यूरो को दी गई सामान्य सहमति को वापस लेने का आदेश जारी किया. किसी भी मामले में जांच के लिए मामले के आधार पर पूर्व सहमति आवश्यक है.Telangana withdraws consent to cbi.
सरकार के गृह (विशेष) विभाग ने 30 अगस्त को एक आदेश (जीओएम नंबर 51 जारी किया था). इसमें दिल्लीविशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 की धारा 6 के तहत उसके द्वारा जारी सभी पिछली सामान्य सहमति वापस ले ली गई थी. इसके बारे में राज्य के सरकारी वकील ने शनिवार को अदालत को सूचित कर दिया. 2016 में राज्य सरकार ने यह सहमति दी थी.
टीआरएस और भाजपा के बीच राजनीतिक रस्साकशी का यह नतीजा बताया जा रहा है. दोनों पार्टियों के बीच हाल के महीनों में राजनीतिक तल्खी बढ़ी है. राज्य के मुख्यमंत्री केसीआर ने कई मौकों पर पीएम मोदी और उनकी नीतियों की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की है. केसीआर विपक्षी नेताओं से भी मिलकर भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
सितंबर में जब केसीआर बिहार गए थे, तभी उन्होंने कहा था कि राज्यों को सीबीआई की आम सहमति वापस ले लेनी चाहिए क्योंकि केंद्र इन एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रहा है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही ऐसा कर चुकी हैं. इसी साल मार्च में मेघालय में कॉनराड संगमा की सरकार ने सहमति वापस ली थी. अब तक कुल 10 राज्य ऐसे हैं, जिन्होंने सीबीआई को दी गई सहमति वापस ली है. यानी इन राज्यों में जांच के लिए सीबीआई को राज्य सरकारों की सहमति लेनी होगी. सहमति सिर्फ राज्य से जुड़े हुए मामलों के लिए दी जाती है.