पटना : तेजस्वी यादव को लेकर बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में हंगामाहो रहा है. लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में तेजस्वी कठघरे में है. वहीं सदन की कार्यवाही नहीं चल पा रही है. बुधवार को सदन से बाहर निकलने के बाद उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि 2017 में जब हम पर चार्जशीट था. उस समय इनलोगों ने क्यों नहीं हमें शपथ लेने से रोका. पहले ही मना करना चाहिए था. अब जब शपथ ले लिये तो बोल रहा शपथ क्यों लिया.
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'अगुवानी पुल मामले पर पहली बार मैंने ही कार्रवाई की थी': तेजस्वी यादव जब अगुवानी पुल धवस्त होने के मामले पर सदन में बोल रहे थे. तभी हंगामा शुरू हो गया था. इसके बाद सदन की कार्यवायी स्थगित कर दी गई थी. इस बाबत तेजस्वी ने कहा कि अगुवानी घाट पुल जब पहली बार ध्वस्त हुआ था. पहली बार तो हमने ही सवाल उठाया था और उस समय भी कार्रवाई हुई थी. भाजपा का यह काम ही हंगामा करना. इनलोगों को और किसी चीज से लेना देना नहीं है.
"विपक्ष में जो लोग बैठे हैं, लगता ही नहीं है कि ये लोग विधायक हैं. विधायक का काम होता है कि सवाल पूछे, जवाब हो, लेकिन इनलोगों को कोई इंटरेस्ट इन सब चीजों में नहीं है. ये लोग केवल उल्टा-सीधा कंमेट करना, केवल बकवास की बातें करना और हंगामा करना और कोई मतलब नहीं है."- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री
बीजेपी पर भड़के तेज प्रताप, की भविष्यवाणी : मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन में हंगामें के बाद बाहर आए तेज प्रताप ने भी बीजेपी पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने इस बाबत भविष्यवाणी भी की है कि 2024 में नरेंद्र मोदी की कुर्सी महागठबंधन की हो जाएगी. तेजप्रताप ने भी कहा कि यह क्या तरीका है भाजपा के विधायकों का अपनी बात रखने का, वेलोग सदन में कुर्सियां तोड़ रहे हैं. मैंने उनलोगों पर कार्रवाई की मांग की है.
"सदन में भाजपाईयों ने अपना असली रूप दिखाया है, जो पूरे देश ने देखा. 2024-25 में जनता इन्हें जवाब देगी. मैं आज कह देता हूं 2024 में देश से बीजेपी का सूपड़ा साफ हो जाएगा". -तेज प्रताप यादव, मंत्री, वन एवं पर्यावरण विभाग
तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट होने को बीजेपी ने बनाया मुद्दा : जब से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ लैंड फॉर जॉब मामले में चार्ज शीट दाखिल हुआ है. बीजेपी इस मुद्दे पर लगातार इस्तीफे की मांग कर रही है. इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाना बनाया जा रहा है. उन्हें बीजेपी नेता बार-बार याद दिला रहे हैं कि आखिर करप्शन को लेकर नीतीश कुमार का थ्री सी वाला कंसेप्ट अब कहां चला गया. अब वह तेजस्वी यादव से इस्तीफा क्यों नहीं ले रहे हैं.
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिलेंगे तो उनसे पूछेंगे कि आपकी करप्शन वाली सोच कहां गई. क्या हो गया कि अब आप तेजस्वी यादव का इस्तीफा नहीं ले रहे हैं. दरअसल, नीतीश कुमार राजद से डर गए हैं तो इस्तीफा कैसे मांगेंगे." - सम्राट चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी
तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर नहीं चल पा रहा सदन: लैंड फाॅर जाॅब स्कैम में चार्जशीटेड होने के बाद विपक्ष तेजस्वी के इस्तीफे की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से सदन में हंगामा कर रही है. हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ रही है. ऐसे में तेजस्वी यादव ने बीजेपी के विधायकों पर ही ठिकरा फोड़ा. वहीं बीजेपी के नेताओं का कहना है कि जबतक सरकार भ्रष्टाचार और तेजस्वी के मामले पर जवाब नहीं देगी सदन नहीं चलने देंगे.
"सरकार जब तक तेजस्वी यादव से इस्तीफा नहीं लेती है या फिर तेजस्वी यादव के भ्रष्टाचार के मामले पर कोई जवाब नहीं देती है. तबतक हमलोग सदन चलने नहीं देंगे"- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
सीबीआई के सप्लीमेंट्री चार्जशीट में तेजस्वी का नाम : तीन जुलाई को सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. तेजस्वी यादव के साथ ही लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई थी. पिछले में आठ जून को सुनवाई हुई थी. इसमें कोर्ट ने अगली सुनवाई का समय 12 जुलाई तय किया गया था. सीबीआई 3 जुलाई को ही चार्जशीट दाखिल कर दिया. . बुधवार को कोर्ट ने अगली सुनवाई 8 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है. लेकिन बिहार विधानसभा में इस मामले को लेकर हंगामा जारी है.
क्या है लैंड फाॅर जाॅब स्कैम :यूपीए सरकार में 2004 से 2009 तक लालू यादव रेल मंत्री थे. इसी दौरान जमीन लेकर नौकरी देने का आरोप उनपर लगा था. इस मामले में लालू परिवार के कई सदस्यों पर आरोप है. इसके तहत कई बार सीबीआई और ईडी ने इनके परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी की है. इसी महीने सीबीआई ने इस मामले में जो सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की उसमें लालू यादव, राबड़ी देवी के साथ ही तेजस्वी यादव का नाम भी शामिल है.