पटना: बिहार में राष्ट्रपति पद (Presidential Election 2022) के लिए मतदान हो चुके हैं. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने एक बयान से सनसनी पैदा कर दी है.केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Union Minister Nityanand Rai) को लेकर तेजस्वी यादव ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि जब उन्हें मंत्री पद नहीं मिला था तो हमसे मिले थे और कहा था कि आप हमें अपनी पार्टी में ले लीजिए.
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नित्यानंद राय पर तेजस्वी यादव का बड़ा खुलासा: तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav On Nityanand Rai ) ने भाजपा पर पलटवार किया है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि मैंने किसी दलित या अनुसूचित जनजाति की महिला का विरोध नहीं किया है. राष्ट्रपति पद को लेकर मैंने अपना स्टैंड क्लियर किया है. हमारी ओर से गठबंधन के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा हैं और उन्होंने जनता के सामने अपनी बात रखी है लेकिन द्रौपदी मुर्मू ने जनता के सामने अपनी भावना नहीं रखी है. जनता यह जानना चाहती है कि जो राष्ट्रपति बनने वाले हैं उनके विचार क्या है? इस दौरान नित्यानंद राय पर तेजस्वी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि नित्यानंद राय ने मुझे कहा था कि भाजपा में मन नहीं लग रहा है हमें राजद में बुला लीजिए.
"जब नित्यानंद राय केंद्र की सरकार में मंत्री नहीं बने थे तब उन्होंने मुझसे संपर्क साधा था. उन्होंने कहा था कि मुझे भाजपा में मन नहीं लग रहा है. राजद में मुझे बुला लीजिए."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
'हम किसी मूर्ति को नहीं चुनेंगे राष्ट्रपति': दरअसल राष्ट्रपति चुनाव के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) वोट कास्ट करने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. तेजस्वी यादव ने एक बार फिर दोहराया कि बीजेपी की केंद्र की सरकार के खिलाफ विपक्ष को मजबूती से अपनी आवाज बुलंद करने की जरूरत है. वहीं, एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Presidential Candidate Draupadi Murmu) को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि मोदी सरकार को आदिवासी की इतनी ही चिंता है तो आरक्षण का दायरा बढ़ाए, हम उनका साथ देंगे. हम किसी मूर्ति को नहीं चुनेंगे.
द्रौपदी मुर्मू पर तेजस्वी यादव का तंज: इससे पहले शिवहर में मीडिया से बात करते हुए दो दिन पहले तेजस्वी ने कहा था, "राष्ट्रपति भवन में मूर्ति की जरूरत नहीं है. आपने यशवंत सिन्हा जी को तो आपने हर जगह बोलते हुए सुना होगा, लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से जो राष्ट्रपति दी गई है. हालांकि छोटा मुंह बड़ी बात बोलनी नहीं चाहिए लेकिन हमने कभी नहीं सुनी और हमको नहीं लगता कि आप लोग भी कभी उनकी आवाज सुनी होगी. जब से उम्मीवार बनीं हैं, एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की हैं उन्होंने"
राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के 56 सांसद लेगें हिस्सा : राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के कुल 56 सांसद हिस्सा लेगें और विधायकों की संख्या 243 है. वोट के लिहाज से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन जदयू की भूमिका भी अहम है. बिहार के एक विधायक का वोट वैल्यू 173 है. इस हिसाब से देखें तो विधायकों का वोट वैल्यू 42,039 है. वहीं, राज्यसभा और लोकसभा के सांसद का वोट वैल्यू 700 है. बिहार में 56 सांसद हैं, इसलिए सांसदों का वोट वैल्यू 39,200 है. बिहार में राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 81,230 वोट हैं. वोट के लिहाज से एनडीए की स्थिति मजबूत दिख रही है. जदयू, बीजेपी, हम और रालोजपा का वोट मिला दें, तो कुल मिलाकर 55,398 वोट होते हैं. दूसरी तरफ महागठबंधन की बात करें तो, महागठबंधन के पास कुल मिलाकर 24,130 वोट है और इसमें अगर एआईएमआईएम के 5 विधायकों का वोट जोड़ दिया जाए तो विपक्ष के पास वोटों की संख्या 24,968 हो जाती है. अब एआईएमआईएम के 4 विधायक आरजेडी में शामिल हो चुके हैं.