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Published : Jul 20, 2022, 7:42 PM IST

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घाटे में 'तेजस एक्सप्रेस', निजी ऑपरेटरों को और यात्री ट्रेन सौंपने की कोई योजना नहीं: सरकार

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (railway minister Ashwini Vaishnaw) ने कहा है कि दो तेजस ट्रेनों के घाटे में चलने की वजह से आगे निजी कंपनियों द्वारा यात्री ट्रेनों को चलाने की कोई योजना नहीं है. पढ़िए पूरी खबर...

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तेजस ट्रेन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली :दो तेजस ट्रेनों के घाटे में चलने के बाद रेल मंत्रालय की निजी कंपनियों द्वारा संचालित अधिक यात्री ट्रेनों के संचालन की कोई योजना नहीं है. बता दें कि ये दोनों तेजस ट्रेनें आईआरसीटीसी द्वारा संचालित की जा रही हैं. इस संबंध में सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी के प्रश्न के लिखित जवाव में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (railway minister Ashwini Vaishnaw) ने बताया कि वर्तमान में निजी ऑपरेटरों के द्वारा यात्री ट्रेनों के संचालन का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.

रेल मंत्रालय ने पिछले तीन साल के दोनों तेजस ट्रेनों के आंकड़े भी उपलब्ध कराए हैं, जिससे पता चलता है कि लखनऊ-नई दिल्ली तेजस ने साल 2019-20 में सिर्फ 2.33 करोड़ का मुनाफा कमाया. इसके बाद से आईआरसीटीसी द्वारा चलाई जाने वाली दोनों ही ट्रेनों को घाटा हो रहा है.

बता दें कि वर्तमान में दो तेजस ट्रेनें निजी कंपनियों द्वारा लिए जाने के बाद आईआरसीटीसी द्वारा लखनऊ-नई दिल्ली और अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल के मध्य चलाई जा रही हैं. इन ट्रेनों को 2019 में लांन्च किया गया था, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इनके संचालन को स्थगित कर दिया गया था फिर इसके बाद इसकी आवृत्तियों को भी कम कर दिया गया था.

वहीं वर्ष 2019-20 के दौरान लखनऊ-नई दिल्ली तेजस ने 2.33 करोड़ का लाभ कमाया लेकिन उसी वर्ष अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल तेजस को 2.91 करोड़ का नुकसान हुआ. इसी प्रकार 2020-21 में दोनों ट्रेनों को क्रमश: ₹16.79 और 16.45 करोड़ का नुकसान हुआ. इसके अलावा 2021-22 में महामारी संबंधी प्रतिबंध समाप्त होने के बाद घाटा कम हो गया, लेकिन फिर भी दोनों निजी कंपनियों द्वारा संचालित ट्रेनों को क्रमश: 8.50 करोड़ और 15.97 करोड़ का नुकसान हुआ.

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