अहमदाबाद : सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को जालसाजी, आपराधिक साजिश और मारपीट किए जाने का झूठा आरोप लगाकर कानूनी कार्यवाही में बाधा डालने के एक नए मामले में गिरफ्तार करने के बादअहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन घिकांटा कोर्ट में पेश किया गया. तीस्ता और पूर्व आईपीएस श्रीकुमार के खिलाफअपराध शाखाने कोर्ट में 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें सात दिनों की रिमांड पर भेज दिया है.गौरतलब है किसीतलवाड़ कोमुंबई में हिरासत में लिए जाने के एक दिन बाद, गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने रविवार तड़के उन्हें अहमदाबाद अपराध शाखा को सौंप दिया.
अपराध शाखा के इंस्पेक्टर डीबी बराड की शिकायत के आधार पर अहमदाबाद अपराध शाखा में सीतलवाड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्हें शनिवार दोपहर मुंबई के जुहू इलाके स्थित आवास से हिरासत में ले लिया गया था. अपराध शाखा के एक सूत्र ने कहा, 'यहां लाए जाने के बाद सीतलवाड़ को रविवार तड़के शहर की अपराध शाखा को सौंप दिया गया. उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.'
तीस्ता सीतलवाड़ को मेडिकल रिपोर्ट के लिए वीएस अस्पताल भेजा गया था. उस दौरान उनका कोरोना रिपोर्ट किया गया था. जब वह मीडिया के सामने आईं तो उन्होंने कहा, 'मुझे दो लाइन बोलना है', लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया. तब तीस्ता ने अपना हाथ दिखाया, जिस पर 'चोट' के निशान था. उन्होंने हाथ दिखाते हुए कहा की 'यह एटीएस ने किया.'
शनिवार को हिरासत में लिए जाने के बाद स्थानीय पुलिस को सीतलवाड़ की हिरासत के बारे में सूचित करने के लिए उन्हें मुंबई के सांताक्रूज पुलिस थाने ले जाया गया था. वहां से गुजरात पुलिस का दस्ता उन्हें सड़क मार्ग से अहमदाबाद ले आया.
सीतलवाड़ के खिलाफ यह कार्रवाई उच्चतम न्यायालय द्वारा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को 2002 के गोधरा दंगा कांड में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के एक दिन बाद हुई है.