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तीस्ता सीतलवाड़ गिरफ्तार, सात दिनों की पुलिस रिमांड पर

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में जकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखा है. अदालत ने कहा कि, प्रक्रिया का दुरुपयोग करने वालों को अदालत कक्ष में जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. इसके बाद गुजरात एटीएस ने तीस्ता के खिलाफ कार्रवाई की और उसे मुंबई से गिरफ्तार कर लिया. गुजरात एटीएस ने तीस्ता को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को सौंपने के बाद मेट्रोपोलिटन घिकांटा कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उन्हें सात दिनों की रिमांड पर भेज दिया है.

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Published : Jun 26, 2022, 2:02 PM IST

Updated : Jun 26, 2022, 10:48 PM IST

teesta setalvad
तीस्ता सीतलवाड़

अहमदाबाद : सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को जालसाजी, आपराधिक साजिश और मारपीट किए जाने का झूठा आरोप लगाकर कानूनी कार्यवाही में बाधा डालने के एक नए मामले में गिरफ्तार करने के बादअहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन घिकांटा कोर्ट में पेश किया गया. तीस्ता और पूर्व आईपीएस श्रीकुमार के खिलाफअपराध शाखाने कोर्ट में 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें सात दिनों की रिमांड पर भेज दिया है.गौरतलब है किसीतलवाड़ कोमुंबई में हिरासत में लिए जाने के एक दिन बाद, गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने रविवार तड़के उन्हें अहमदाबाद अपराध शाखा को सौंप दिया.

सरकारी वकील

अपराध शाखा के इंस्पेक्टर डीबी बराड की शिकायत के आधार पर अहमदाबाद अपराध शाखा में सीतलवाड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्हें शनिवार दोपहर मुंबई के जुहू इलाके स्थित आवास से हिरासत में ले लिया गया था. अपराध शाखा के एक सूत्र ने कहा, 'यहां लाए जाने के बाद सीतलवाड़ को रविवार तड़के शहर की अपराध शाखा को सौंप दिया गया. उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.'

तीस्ता सीतलवाड़ को मेडिकल रिपोर्ट के लिए वीएस अस्पताल भेजा गया था. उस दौरान उनका कोरोना रिपोर्ट किया गया था. जब वह मीडिया के सामने आईं तो उन्होंने कहा, 'मुझे दो लाइन बोलना है', लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया. तब तीस्ता ने अपना हाथ दिखाया, जिस पर 'चोट' के निशान था. उन्होंने हाथ दिखाते हुए कहा की 'यह एटीएस ने किया.'

क्या कहा गुजरात पुलिस के अधिकारी ने

शनिवार को हिरासत में लिए जाने के बाद स्थानीय पुलिस को सीतलवाड़ की हिरासत के बारे में सूचित करने के लिए उन्हें मुंबई के सांताक्रूज पुलिस थाने ले जाया गया था. वहां से गुजरात पुलिस का दस्ता उन्हें सड़क मार्ग से अहमदाबाद ले आया.

देखें वीडियो

सीतलवाड़ के खिलाफ यह कार्रवाई उच्चतम न्यायालय द्वारा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को 2002 के गोधरा दंगा कांड में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के एक दिन बाद हुई है.

गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) सिटीजंस फॉर जस्टिस एंड पीस की सचिव सीतलवाड़ पर झूठे तथ्यों और दस्तावेजों को गढ़ने का आरोप है. उन पर गवाहों को प्रभावित करने और 2002 के गुजरात दंगों के मामलों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी के समक्ष की गई विभिन्न प्रस्तुतियों में गलत तथ्यों को पेश करने का आरोप है. न्यायमूर्ति नानावती-शाह जांच आयोग के समक्ष अभियुक्तों द्वारा प्रस्तुत की गई दलीलों के आधार पर लोगों को फंसाने के लिए झूठे सबूत गढ़कर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का भी उन पर आरोप है.

बेंगलुरु में प्रदर्शन

उच्चतम न्यायालय में मोदी और अन्य के खिलाफ दायर याचिका में सीतलवाड़ और उनका एनजीओ जकिया जाफरी के साथ सह-याचिकाकर्ता थे. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को याचिका खारिज कर दी और मोदी व अन्य को दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखा. जाफरी के पति और कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी दंगों के दौरान मारे गए थे.

दर्ज प्राथमिकी के आधार पर सीतलवाड़ को शनिवार को हिरासत में लिया गया था, जिसमें उन पर और दो पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों-आर बी श्रीकुमार और संजीव भट्ट पर जालसाजी, आपराधिक साजिश, मारपीट के झूठे आरोप लगाकर कानूनी कार्यवाही को बाधित करने सहित अन्य आरोप लगाए गए थे.

पूर्व डीजीपी श्रीकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि भट्ट हिरासत में मौत के मामले में उम्रकैद की सजा मिलने के बाद फिलहाल जेल में बंद हैं. उन पर एक अन्य मामले में एक वकील को फंसाने के लिए प्रतिबंधित सामग्री के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया गया है. मामला आईपीसी की धाराओं 468, 471, 194, 211,218, 120 (बी) के तहत दर्ज की गई है.

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Last Updated : Jun 26, 2022, 10:48 PM IST

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