नई दिल्ली:भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि गुजरात में 2002 के दंगा मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के 'षडयंत्र' में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 'शामिल' थी. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार और दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल केवल माध्यम थे, जिनके जरिए उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार को अस्थिर करने तथा प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक करियर तबाह करने की कोशिश की थी. उन्होंने मांग की कि इस पर सोनिया गांधी को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करना चाहिए.
सत्तारूढ़ पार्टी ने सोनिया गांधी पर तब निशाना साधा है जब एक दिन पहले गुजरात पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गिरफ्तार कार्यकता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध किया और अदालत में एक हलफनामे में दावा किया कि वह 2002 दंगों के बाद राज्य सरकार को गिराने के लिए पटेल द्वारा रची 'बड़ी साजिश' का हिस्सा थीं. पटेल का बचाव करते हुए कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि गुजरात पुलिस की एसआईटी की ओर से पटेल के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं तथा यह 2002 के 'सामूहिक हत्या' मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की प्रधानमंत्री मोदी की एक 'व्यवस्थित रणनीति' का हिस्सा है.
विपक्षी पार्टी ने एक बयान में आरोप लगाया, 'प्रधानमंत्री की राजनीतिक प्रतिशोध वाली मशीन उन लोगों को भी नहीं छोड़ती जो उनके राजनीतिक विरोधी रहे और अब इस दुनिया में नहीं रहे. यह एसआईटी अपने राजनीतिक आकाओं की धुन पर नाच रही है और उसे जो कहा जाएगा वही करेगी.' इस पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के बयान को शरारतपूर्ण बताया और पूछा कि जब उच्चतम न्यायालय ने सीतलवाड़ तथा अन्य आरोपियों की आलोचना की थी तो क्या वह भी 'दबाव' में था.