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मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का विवादित बयान, हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों ने जताया विरोध

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान पर हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों ने कड़ा ऐतराज जताया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि संवैधानिक पद पर बैठकर किसी को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. तीर्थ पुरोहित समाज इस बयान को लेकर अपने समाज में चर्चा करेंगे.

teerth purohit angry over controversial statement of meghalaya governor
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का विवादित बयान

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Published : Jun 17, 2022, 8:26 PM IST

हरिद्वार:अपने बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो वायरल में राज्यपाल सत्यपाल मलिक राजस्थान के परिपेक्ष में बात कर रहे हैं. जनता के बीच बोल रहे राज्यपाल ने कहा है कि असली तीर्थ स्थान राजस्थान के झुंझुनू है, जहां पर हर घर में शहीद का परिवार रह रहा है. हरिद्वार जाकर कोई फायदा नहीं है, तीर्थ करना है तो ऐसे परिवारों के बीच जाएं. हरिद्वार में तीर्थ पुरोहितों से लुटना बेकार है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक के वायरल वीडियो को लेकर हरिद्वार के तीर्थपुरोहितों ने कड़ी आपत्ति जताई है.

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Governor Satya Pal Malik) के बयान के बाद अब हरिद्वार में तीर्थ पुरोहित द्वारा सत्यपाल मलिक द्वारा दिए गए बयान रोष जताया है. सत्यपाल मालिक के बयान के बाद अब तीर्थ पुरोहित सत्यपाल मलिक से सवाल कर रहे हैं कि उनको हरिद्वार के किस तीर्थ पुरोहित ने लूटा है, पहले तो वह यह बताएं. हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि इस तरह के संवैधानिक पद पर बैठकर इस तरह की टिप्पणी करना क्या पद की गरिमा के खिलाफ नहीं है?

हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों ने जताया विरोध.

तीर्थ पुरोहित अपने समाज में करेंगे चर्चा: हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित सौरभ सीखोला ने सत्यपाल मलिक के बयान पर आक्रोश जताते हुए कहा कि अगर वह मेरे जजमान होते तो मैं हरिद्वार में उनकी अस्थि विसर्जन का कार्य भी नहीं कराता, जिस तरह का बयान सत्यपाल मलिक ने दिया है. इसके लिए हम अपने समाज में चर्चा करेंगे और समाज से मांग करेंगे कि वह इस तरह की टिप्पणी करने वालों को सबक सिखाएं ताकि आइंदा इस तरह की टिप्पणी करने से पहले कोई 100 बार सोचे.

राज्यपाल को ऐसे में बयान शोभा नहीं देते: तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित का कहना है कि एक संवैधानिक पद पर बैठकर इस तरह के बयान देना बहुत ही निंदनीय है. राष्ट्रपति के पद के बाद अगर किसी को माना जाता है तो वह राज्यपाल होते हैं. आप मेघालय के राज्यपाल होने के बावजूद इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, वह भी एक तीर्थ स्थल के बारे में टिप्पणी करना बहुत ही निम्न स्तर की सोच को दर्शाता है. तीर्थ पुरोहित समाज में बैठक कर निर्णय लिया जाएगा कि किस तरह से जवाब दिया जाए.
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राज्यपाल का बयान बर्दाश्त योग्य नहीं: श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि जिस तरह की टिप्पणी मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने की है वह बर्दाश्त योग्य नहीं है. एक तीर्थ स्थल को टारगेट कर इस तरह का बयान देना बहुत ही गलत है, क्योंकि हर जगह पर अच्छे और बुरे लोग होते हैं. हमारे तीर्थ पुरोहित समाज में जब भी किसी शहीद की अस्थियां आती हैं. उससे एक भी रुपया नहीं लिया जाता है और जो भी जजमान अपना यथाशक्ति संभव होता है, वह दान करता है. किसी पर भी जोर जबरदस्ती नहीं की जाती, किस तरह की बयान बाजी क्या सत्यपाल मलिक किसी अन्य वर्ग के खिलाफ देने की हिम्मत नहीं रखते हैं? इस तरह के पदों पर बैठकर इस तरह की टिप्पणी करना बहुत ही गलत और शर्मनाक बात है.

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