कुपवाड़ा : जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने घुसपैठ पर निगरानी रखने के लिए नियंत्रण रेखा पर उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया, जबकि पिछले 15 महीनों से संघर्ष विराम जारी है. वर्ष 1999 में सेना ने पाकिस्तान से घुसपैठ को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर में एलओसी की पूरी लंबाई पर फेंसिंग लगाना शुरू कर दिया था. हालांकि, फेंसिंग ने घुसपैठ को नियंत्रित करने में काफी मदद की है. फिर भी तकनीकी हस्तक्षेप जैसे सीसीटीवी और फेंसिंग के साथ तैनात थर्मल सेंसर के उपयोग ने कश्मीर घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने में और मदद की है.
जानकारी के मुताबिक, घाटी पर कुपवाड़ा जिले के करनाह सेक्टर में सेना ने शम्सबारी रेंज में एलओसी पर कंटीले तारों की फेंसिंग के साथ सीसीटीवी कैमरे और थर्मल सेंसर लगाए हैं, जो इलाके में घुसपैठ पर करीब से नजर रखते हैं. 55 किमी लंबे नियंत्रण रेखा के साथ केरन सेक्टर पर 268 इन्फैंट्री ब्रिगेड के सैनिक निगरानी पर हैं. जिसका मुख्यालय केरन गांव से 40 किमी आगे फरकियान में है. मुख्यालय में सेना ने एक आधुनिक कंट्रोल रूम बनाया है, जहां सीसीटीवी कैमरे और सेंसर के फुटेज पर बड़ी स्क्रीन पर नजर रखी जा रही है.