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'सोफिया' के जवाब में यूपी की 'शालू', खूब समझती है भावनाओं को

जौनपुर में एक शिक्षक ने देसी रोबोट बनाया है. इस रोबोट का नाम उन्होंने शालू रखा है. शालू दुनिया की पहली ऐसी रोबोट है जो 9 भारतीय और 38 विदेशी भाषा बोलने में सक्षम है. शालू का निर्माण बेहद साधारण प्लास्टिक, गत्ते, लकड़ी और एल्युमिनियम से हुआ है.

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Published : Mar 10, 2021, 8:05 PM IST

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जौनपुर : जिले के मड़ियाहूं के रजमलपुर गांव निवासी और केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक दिनेश पटेल ने एक नायाब रोबोट तैयार किया है. रोबोट 9 भारतीय और 38 विदेशी भाषा बोलने में सक्षम है. ये रोबोट कई भाषाओं में बात करता है और इसका व्यवहार इंसानों की तरह है. उन्होंने रोबोट का नाम शालू रखा है. प्यार से दिनेश पटेल इसको 'रोबोशालू' कहकर पुकारते हैं.

रोबोट मूवी से ली प्रेरणा

रोबोशालू के बारे में सबसे खास बात यह कि इसका निर्माण बेहद साधारण प्लास्टिक, गत्ते, लकड़ी और एल्युमिनियम से हुआ है. दिनेश पटेल को इसे बनाने में तीन साल का समय लगा. मशहूर फिल्म रोबोट से दिनेश पटेल बहुत प्रभावित हुए थे. रजनीकांत की इस फिल्म ने उन्हें दीवाना बना दिया. हांगकांग की रोबोटिक्स कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की सोफिया रोबोट उनकी प्रेरणा बनी. इसके बाद दिनेश पटेल को ऐसी धुन सवार हुई कि उन्होंने बेहद साधारण सामान का उपयोग कर मात्र 50,000 की लागत से रोबोट शालू का निर्माण कर दिया.

शिक्षक दिनेश पटेल ने तैयार किया नायाब रोबोट.

3 वर्षों में रोबोट का निर्माण

साल 2017 में उन्होंने रोबोट बनाने का प्रयास शुरू कर दिया. इस राह में दिनेश पटेल को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा. महंगे उपकरण और अनुकूल संसाधन उनकी मंजिल में सबसे बड़ी बाधा बन रहे थे. इसके बाद भी दिनेश पटेल ने हार नहीं मानी. अपने आस-पास के सामान को इकट्ठा कर उन्होंने इस रोबोट का निर्माण करने की ठान ली. दृढ़ निश्चय के कारण महज 3 वर्षों में ही उन्होंने रोबोट का निर्माण कर लिया. अपने रोबोट को उन्होंने महिला का रूप देते हुए उसका नाम शालू रखा.

कई भाषाओं में करती है बात

दिनेश पटेल ने शालू की प्रोग्रामिंग भी खुद ही की. उनका दावा है कि शालू पहली ऐसी रोबोट है, जिससे 9 भारतीय भाषाओं के साथ ही 38 विदेशी भाषाओं में भी बात की जा सकती है. यह हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बंगला, गुजराती, तमिल, मलयालम, नेपाली, उर्दू के अलावा अंग्रेजी, जर्मन, जापानी सहित 38 विदेशी भाषाओं में भी बातचीत कर सकती है.

लोगों को रखती है याद

दिनेश बताते हैं कि रोबोट शालू काफी समझदार है. वो कई भाषाओं में बात करती है. इसके साथ ही किसी व्यक्ति से मिलने के बाद उसे याद भी रखती है. इतना ही नहीं सामान्य ज्ञान और गणित के सवालों को भी शालू चुटकी बजाते ही हल कर देती है.

व्यंजनों की बताती है रेसिपी

रोबो शालू बातचीत करने के साथ हाथ मिलाने, मजाक करने, गुस्सा करने के अलावा लजीज व्यंजनों की रेसिपी भी बता देती है. इसी वर्ष नवंबर में तैयार दिनेश पटेल के इस रोबोट को आईआईटी मुंबई के कई प्राध्यापकों ने भी सराहा है. उनका कहना है कि रोबोट शालू युवा और ऊर्जावान भावी वैज्ञानिकों के लिए उदाहरण और प्रेरणा का स्रोत बन सकती है.

भारत की बेटियों को है समर्पित

दिनेश बताते हैं कि ये आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बनाया गया सम्पूर्ण स्वदेशी भारतीय रोबोट है. उन्होंने इसे भारत की बेटियों को समर्पित किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में यह भी भागीदार है. इसके निर्माता दिनेश कुंवर पटेल पुत्र देवराज पटेल हैं और वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय आईआईटी बॉम्बे में शिक्षक हैं.

शिक्षक के रूप में कर सकते हैं प्रयोग

दिनेश का कहना है कि इस रोबोट का उपयोग किसी स्कूल की कक्षा में बच्चों को पढ़ाने और उनके प्रश्नों के उत्तर देने के लिए एक शिक्षक के रूप में किया जा सकता है. किसी भी कार्यालय में एक रिसेप्शनिस्ट के रूप में जैसे बैंक, स्कूल, हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन पर लोगों के प्रश्नों के उत्तर देने के लिए किया जा सकता है.

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