हैदराबाद : तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) अपने स्थापना के आज पूरे किए 40 साल. साथ ही राजनीति में स्थापित किए नए ट्रेंड. आज से ठीक 40 साल पहले 29 मार्च, 1982 हैदराबाद में स्थित नए विधायक क्वार्टर में काफी लोग जमा हो गए थे. उन्हें नहीं पता था कि देश और राज्य के राजनीतिक पर्दे पर जो सनसनी और इतिहास बनने जा रहा है, उसके गवाह के तौर पर वह खड़े होने जा रहे हैं. उनकी उम्मीद के अनुसार महान अभिनेता एनटीआर वहां पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने एक सप्ताह पहले रामकृष्ण स्टूडियो में एक बैठक में अपने राजनीतिक प्रवेश पर गहन चिंतन किया था. इसे जारी रखने के लिए नए विधायक क्वार्टर में विधायक क्लब में कार्यकर्ताओं की एक बैठक आयोजित की गई थी. विधायक क्वार्टर परिसर एनटीआर प्रशंसकों से खचाखच भरा हुआ था, खासकर युवाओं से. उसमें 300 लोगों के साथ चार दीवारों के बीच बैठक होने वाली थी. उस समय सभा को लॉन में ले जाना था. वहां बोलते हुए, एनटीआर ने घोषणा की कि वह एक राजनीतिक पार्टी शुरू करने जा रहे हैं. किसी ने पार्टी का नाम पूछा. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि.'मैं एक तेलुगु आदमी हूं और मेरी पार्टी मेरी तेलुगु देशम पार्टी है! ' तेलुगुदेसम, जो नाम से तो साधारण था परंतु एक सनसनी पैदा कर दी थी.
पार्टी की स्थापना के नौ महीने के भीतर: एनटीआर द्वारा शुरू की गई तेलुगु देशम पार्टी ने राज्य में एक नई तरह की राजनीति की शुरुआत की थी. जब एनटीआर ने 'तेलुगुदेसम पिलुस्तोंधी रा, कदलीरा .. (तेलुगु में उद्धृत)! (तेलुगुदेसम बुला रहा है आओ .. हटो ..!)' लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. लोगों को राजनीतिक दलों की बैठकों में ले जाने की संस्कृति के लिए खुला.. चैतन्य रथम पर एनटीआर लोगों के बीच चले गए. जहां गांव मिलता था वहीं जनसभा होती थी. वह चैतन्य रथम में सोते थे और सड़क किनारे ही स्नान करते थे. इस प्रकार एनटीआर ने एक नया चलन शुरू किया. कुछ ही दिनों में तेदेपा ने जीत हासिल की..अपनी स्थापना के नौ महीने के भीतर, 1983 के चुनावों में उसने एक ठोस जीत हासिल की. सत्ता में आने के तुरंत बाद पार्टी को पहला झटका लगा. अगस्त 1984 के संकट के दौरान एनटीआर की सरकार को बेदखल कर दिया गया था. संयुक्त राज्य अमेरिका में हार्ट सर्जरी कराने के बावजूद एनटीआर ने अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना लोकतंत्र को बहाल करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया. करीब एक माह तक चले जन आंदोलन बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पद छोड़ दिया है. एनटीआर फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. एनटीआर शासन के दौरान 1983, 1985, 1989 और 1994 में विधान सभा चुनाव हुए और तेलुगु देशम ने तीन बार प्रचंड़ जीत हासिल की. तीन बार 200 से ज्यादा सीटें भी जीती थी.