बिलासपुर:युवा वैज्ञानिक तरुण धर दीवान ने बाइक चोरी की समस्या को देखते हुए एंटी थेफ्ट अलार्म सिस्टम डिवाइस का अविष्कार किया है. एंटी थेफ्ट अलार्म सिस्टम डिवाइस बाइक में फिट करने के बाद एंड्रायड मोबाइल पर एप के माध्यम से कनेक्ट कर दिया जाता है. आपकी इजाजत के बिना अगर कोई भी आप की बाइक को आगे बढ़ाने या लॉक से छेड़छाड़ करने का प्रयास करेगा, तो बाइक में लगा डिवाइस मैसेज भेज कर आपके मोबाइल में अलार्म बजाएगा. इसके अलावा बाइक में भी अलार्म बजाएगा, ताकि आप अलर्ट हो जाएं और अपनी बाइक चोरी होने से बचा लें. डिवाइस को तैयार करने में लगभग 100 रुपए का खर्च आता है.
भारत सरकार ने किया पेटेंट:युवा वैज्ञानिक तरुण धर दीवान अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक के पद पर हैं. तरुण धर दीवान ने बताया कि"इस डिवाइस को भारत सरकार के कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट डिवाइस एंड ट्रेडमार्क मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री रिसर्च सेंटर भेजकर पेटेंट कराया है. भारत सरकार के पेटेंट मंत्रालय द्वारा इसे पंजीकृत कर लिया गया है. इस डिवाइस को बाइक स्टैंड के ग्राउंड कांटेक्ट सिस्टम से लगाया जा सकेगा या फिर बाइक के स्विच बोर्ड के नीचे इंटरनल पार्ट पर इसे लगाया जा सकेगा, जिससे चोर इसे चोरी नहीं कर पाएगा."
बाजार में हैं महंगे डिवाइस, इसलिए बनाया:इससेमिलते जुलते डिवाइस बाजार में उपलब्ध हैं. इस पर तरुण ने बताया कि"अभी जो सिस्टम बाजार में है वह अलग से लगाया जाता है, और इसे सीट के नीचे फिट किया जाता है. चोर इसे आसानी से डिस्कनेक्ट कर सकता है, क्योंकि इसका एक तार बैटरी में लगा होता है. चोर बैटरी का तार खींच देगा तो यह सिस्टम काम नहीं करेगा. लेकिन यदि एंटी थेफ्ट अलार्म सिस्टम इंटरनल पार्ट में लगा होगा तो चोर इंटरनल पार्ट्स से डिवाइस को अलग नहीं कर पाएगा."
कैसे किया तैयार और क्या है इसकी खासियत:आविष्कारक तरुण धर दीवान के मुताबिक एंटी थेफ्ट अलार्म सिस्टम डिवाइस में लॉजिकल स्वीच ऑन ऑफ सिस्टम, एल्गोरिदम मशीन और लुक वायर सिस्टम का उपयोग हुआ है. डिवाइस ऑटोमेटिक अलार्म जनरेटर, एक्सीलरेटिंग सेंसर, आईसी चिप, माइक प्रोसेसर, वाइब्रेशन सेंसर, वायरलेस कम्युनिकेशन, 4 स्विच की मदद से सिस्टम काम करता है. इससे बाइक आगे पीछे करने पर या लेकर जाने की कोशिश करने पर 10 सेकेंड में बाइक से तेज आवाज में अलार्म साउंड निकलेगा. कनेक्टेड मोबाइल में भी बीप की आवाज निकालेगी और मैसेज के माध्यम से बाइक ओनर को पता चल जाएगा.